क्या होता है दिल्ली मेट्रो में आपके द्वारा खोई हुई चीज़ों का? यहाँ जानें
मेट्रो में हर रोज़ कुछ लोग अपना सामान भूल जाते हैं। दिल्ली मेट्रो ने 2004 से अब तक लावारिस पर्सो से लगभग 17 लाख रुपये नकद पाए गए हैं। दिल्ली मेट्रो द्वारा पाई गई इस राशि से आप एक कार, आईफोन और अन्य कई चीज़ें ख़रीद सकते हैं। ऐसे में आपके मन में एक बड़ा सवाल आ रहा होगा कि दिल्ली मेट्रो विभाग, मेट्रो में पाई गई इन चीज़ों का क्या करता है? आइए जानें।
मेट्रो में खोई हुई चीज़ों को पाया जा सकता है वापस
अब सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या मेट्रो में खोए हुए पर्स, फोन, बैग या अन्य चीज़ों को वापस पाया जा सकता है? दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) के कार्यकारी निदेशक अनुज दयाल के अनुसार, "हाँ, मेट्रो में खोई हुई चीज़ों को वापस पाया जा सकता है।" उन्होंने बताया, हर महीने औसतन लगभग 600 वस्तुएँ लॉस्ट एंड फ़ाउंड डिपार्टमेंट में भेजी जाती हैं, जिनमें पर्स, ज्वैलरी, फोन, दस्तावेज़ और लंच बॉक्स शामिल होते हैं।
खोया सामान पाने के लिए जाएँ कश्मीरी गेट मेट्रो स्टेशन के लॉस्ट एंड फ़ाउंड डिपार्टमेंट
अनुज दयाल आगे कहते हैं कि सामान खोने के बाद कोई भी यात्री कश्मीरी गेट मेट्रो स्टेशन पर लॉस्ट एंड फ़ाउंड डिपार्टमेंट से संपर्क कर सकता है और अपने पहचान का सबूत जमा करने के बाद अपना सामान वापस ले सकता है। इसके लिए यात्री को अपने सामान का विवरण साझा करने के लिए 85274-05555 नंबर पर कॉल करना होगा। उसके बाद अधिकारी आपको निर्देश देंगे और निर्देशों का पालन करके आप अपना सामान वापस पा सकते हैं।
इस तरह पाएँ अपना खोया सामान
दिल्ली मेट्रो के प्रोटोकॉल के अनुसार, कोई भी दावेदार 48 घंटे के भीतर उस स्टेशन पर पहुँचता है, जहाँ उसने अपना सामान खोया है, तो वह सत्यापन के बाद अपना सामान वापस पा सकता है। हालाँकि, 48 घंटे के बाद यात्रियों को कश्मीरी गेट लॉस्ट एंड फ़ाउंड डिपार्टमेंट जाकर अपना सामान प्राप्त करना होगा। वहाँ यात्री 30 दिनों के अधिकतम निर्धारित समय से अधिक देर होने के बाद देरी का कारण बताते हुए आवेदन जमा करके सामान पा सकता है।
हर रोज़ सैकड़ों लोग मेट्रो में खोते हैं अपना सामान
नियमित मेट्रो की यात्रा करने वाली युमना अहमद ने अपना खोया हुआ क़ीमती सामान पाने के लिए अधिकारियों की मुस्तैदी की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, "मैंने नेहरु प्लेस मेट्रो स्टेशन पर अपना कैमरा खो दिया था। अहसास होने पर मैंने तुरंत स्टेशन नंबर पर कॉल किया और अधिकारियों को स्थिति से अवगत करवाया। मुझे उसी दिन मेरा कैमरा वापस मिल गया।" आपको बता दें मेट्रो में हर रोज़ सैकड़ों लोग अपना सामान खो देते हैं।
कुछ लोग ही करते हैं सामान पाने के लिए दावा
बता दें कि कई ऐसे लोग भी हैं, जो दिल्ली मेट्रो में अपना सामान खोने के बाद दावा नहीं करते हैं, जबकि कुछ लोग खोया हुआ सामान पाने के लिए दावा करते हैं। DMRC के आँकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2019 में कुल 616 सामान प्राप्त हुए थे, जिनमें से केवल 52 सामान उनके मालिकों को वापस किए गए। जबकि, पिछले छह महीनों में सत्यापन के बाद लगभग 10% सामान उनके मालिकों को वापस कर दिया गया।
क्या होता है लवारिश सामान?
मेट्रो के एक प्रवक्ता के अनुसार, मेट्रो में पाए गए सामान को वापस करने का एक नियत समय (लगभग छह महीने) होता है। उसके बाद क़ीमती सामान और कम क़ीमती सामान को वर्गीकृत किया जाता है। सामानों को वर्गीकृत करने के बाद नीलामी, संविदा या रिसाइक्लिंग के लिए भेज दिया जाता है। जिस तरह भारतीय रेलवे लवारिश वस्तुओं का निपटान करती है, उसी तरह दिल्ली मेट्रो भी लवारिश वस्तुओं का निपटान करती है।
दिल्ली मेट्रो 2004 से अब तक बेच चुका है कई चीज़ें
बता दें कि दिल्ली मेट्रो ने 2004 से 2019 के बीच कुल 31,221 वस्तुओं का टेंडर किया है। 2017-18 में 750 से अधिक मूल्यवान वस्तुओं को 73,295 रुपये में बेचा गया। जबकि, 3,196 कम क़ीमती वस्तुओं को 23,955 रुपये में बेचा गया।