सीमा विवाद: स्थिति का जायजा लेने कल लद्दाख जाएंगे राजनाथ सिंह, सेना प्रमुख भी होंगे साथ
चीन के साथ चल रहे सीमा विवाद के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह स्थिति का जायजा लेने के लिए शुक्रवार को लद्दाख जाएंगे। उनके साथ सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे और नॉर्दन आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी भी मौजूद रहेंगे। अपनी यात्रा के दौरान राजनाथ सिंह सैनिकों से मिलेंगे और कमांडरों के साथ भी बैठक करेंगे। मई से वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर जारी तनाव के बाद राजनाथ सिंह की यह पहली लद्दाख यात्रा होगी।
जनरल नरवणे का होगा दूसरा दौरा
वहीं सेना प्रमुख जनरल नरवणे का हालिया दिनों मे यह दूसरा लद्दाख दौरा होगा। इससे पहले वो 23 जून को दो दिवसीय दौरे पर लद्दाख गए थे, जहां उन्होंने चीनी सेना के साथ हुई हिंसक झड़प में घायल सैनिकों से मुलाकात की थी।
बुधवार को हुई कोर कमांडरों के बीच तीसरी बैठक
दूसरी तरफ बुधवार को भारत और चीन के बीच तनाव कम करने के लिए कोर कमांडरों की तीसरी बैठक हुई। चुसूल बॉर्डर प्वाइंट पर हुई यह बैठक लगभग 11 घंटे तक चली थी। सूत्रों के कहना है कि रिश्तों में आई तनातनी को दूर करने के लिए अभी सेना और कूटनीतिक स्तर पर और बैठकों और बातचीत की जरूरत है। बैठक में दोनों पक्षों ने तेजी से और चरणबद्ध तरीके से सैनिकों को पीछे हटाने की जरूरत पर जोर दिया।
चीन ने कहा- दोनों पक्ष प्रभावी कदम उठा रहे
बैठक के बाद चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्ष पहले हुई बैठकों में बनी सहमतियों को लागू करने पर काम कर रहे हैं और अग्रिम मोर्चे पर सैनिकों को पीछे हटाने और तनाव कम करने के लिए प्रभावी कदम उठा रहे हैं। मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, "हमें उम्मीद है कि भारतीय पक्ष तनाव कम करने के लिए चीनी पक्ष के साथ इसी दिशा में काम करेगा और कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर बातचीत जारी रखेगा।"
तैनाती कम करने को लेकर नहीं हुआ कोई समझौता
इंडियन एक्सप्रेस ने सैन्य सूत्रों के हवाले से बताया कि बुधवार को हुई बैठक में दोनों पक्षों की तनाव कम करने की प्रतिबद्धताओं की झलक दिखी थी। सूत्रों ने कहा कि LAC पर द्वीपक्षीय समझौते के तहत शांति सुनिश्चित करने के लिए दोनों पक्षों को आम सहमति पर पहुंचने के लिए अभी सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर और बातचीत की जरूरत है। अभी तक दोनों पक्षों में तैनाती कम करने को लेकर कोई समझौता नहीं हुआ है।
बैठक में क्या बातचीत हुई?
एक सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि बैठक के दौरान चीनी पक्ष ने पेंगोग त्सो इलाके में उसकी घुसपैठ को लेकर हो रही बातों को अनसुना कर दिया था। इस इलाके में चीनी सेना लगभग आठ किलोमीटर तक अंदर घुस आई है, जहां उनकी झड़प हुई थी। इसके अलावा डेप्सांग इलाके को लेकर भी बैठक में कोई ठोस बातचीत नहीं हो पाई। यहां चीनी सेना भारतीय सेना को पेट्रोलिंग प्वाइंट 10 से लेकर 14 तक पेट्रोल करने से रोक रही है।
गलवान घाटी जैसी घटना दोबारा होने से रोकने पर जोर
अधिकारी ने बताया कि दोनों पक्षों का जोर इस बात पर है कि गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प जैसी घटना दोबारा न हो, जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हुए थे। वहीं चीन ने मरने वालों सैनिकों की संख्या जाहिर नहीं की है।