जम्मू: कश्मीरी पंडितों के लिए बने अपार्टमेंट से हटाए जाएंगे अवैध रूप से रह रहे परिवार
शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने जम्मू में विस्थापित कश्मीरी पंडितों के लिए बनाए गए अपार्टमेंट में रहने वाले लगभग 100 अवैध लोगों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। एक दिन बाद इन्हें अपार्टमेंट खाली करने के लिए कह दिया गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि यहां से ऐसे लोगों को हटाकर कश्मीरी पंडितों को बसाया जाएगा। आइये, इस बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करते हैं।
आवास के लिए 300 कश्मीरी पंडित परिवारों ने किया है आवेदन
रिलीफ कमिश्नर (शरणार्थी) टीके भट्ट ने बताया, "हमे नोटिस जारी किया और पाया कि 93 फ्लैट में अवैध रूप से लोग रह रहे हैं। हमने इन्हें हटाने की शुरुआत की है। कश्मीर से विस्थापित हुए 300 परिवारों ने आवास के लिए आवेदन किया हुआ है।" भट्ट ने कहा कि अधिकारियों ने जब सरकार द्वारा मुठी, नगरोटा, पुरखू, जगती में बनाए गए अपार्टमेंट्स की जांच की तो पता चला कि 93 फ्लैट्स में कुछ लोग अवैध रूप से रह रहे थे।
जवाब देने के लिए दिया गया 10 मार्च तक का समय
इसके बाद इन लोगों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इन लोगों को 10 मार्च तक लिखित में यह बताना होगा कि क्यों न उनसे ये फ्लैट वापस ले लिए जाएं। अगर वो संतोषजनक जवाब न दे पाए तो उन्हें हटा दिया जाएगा।
क्या कहते हैं स्थानीय लोग?
जगती किरायेदार समिति के प्रमुख शादी लाल पंडिता ने हिंदुस्तान टाइम्स से कहा कि आतंकवाद के कारण घर छोड़ने पर पर मजबूर हुए कश्मीरी पंडितों को ये घर मिलने चाहिए। यहां पंडितों के कई ऐसे परिवार हैं, जो मदद पर आश्रित हैं और किराया देकर रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन 93 घरों के अलावा 100 से ज्यादा घर ऐसे भी हैं, जो कश्मीरी पंडितो को आवंटित हुए हैं, लेकिन वो परिवार यहां कभी रहे ही नहीं।
असली हकदारों को मिले घर- पंडिता
पंडिता ने कहा, "कुछ लोग ऐसे हैं जो दिल्ली, बेंगलुरू और दूसरे शहरों में चले गए। कुछ लोग विदेश भी चले गए हैं। वो अपना घर बनाकर उनमें रहने लगे हैं, लेकिन कई ऐसे भी लोग हैं जो मदद के लिए पूरी तरह सरकार पर आश्रित है और किराया देकर रह रहे हैं। उन्हें घर मिलना चाहिए, लेकिन मिल नहीं रहा है। जिन लोगों को असल मेें घर की जरूरत है, उन्हें घर दिया जाना चाहिए।"
जगती में बने हैं 4,000 से ज्यादा फ्लैट
जगती में कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) सरकार ने विस्थापित कश्मीरी पंडितों के लिए टाउनशिप का निर्माण किया था। इसमें कुल 4,226 फ्लैट्स हैं। यहां के कुछ फ्लैट्स कई सालों से बंद है। इसके बाद पिछले साल सितंबर में सरकार ने नगरोटा, मुठी, पुरखू और जगती में बने घरों के सत्यापन के आदेश दिये थे। ऐसे भी आरोप हैं कि फ्लैट्स के आवंटन में अनियमितताएं बरती गई हैं।