कोरोना वायरस: WHO ने रोका हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन समेत इन दवाओं का ट्रायल, बताई यह वजह
क्या है खबर?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने शनिवार को कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों पर हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन (HCQ) और लोपिनावीर और रिट्रोनावीर के मिश्रण के ट्रायल पर रोक लगा दी है।
संगठन का कहना है ये दवाएं अस्पताल में भर्ती कोरोना मरीजों की मृत्यु दर को घटाने में असफल रही है।
बता दें कि HCQ एक मलेरिया रोधी दवा है, जिसका भारत में बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है और लोपिनेवीर और रिटोनेवीर को HIV के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
बयान
तुरंत प्रभाव से बंद किया गया ट्रायल
संगठन की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि ट्रायल के अंतरिम नतीजों से पता चला है कि HCQ और लोपिनेवीर और रिटोनेवीर का मिश्रण कोरोना संक्रमितों की मृत्यु दर घटाने में प्रभावी साबित नहीं हुआ है। इस वजह से सॉलिडेरिटी ट्रायल के जांचकर्ता इन दवाओं के ट्रायल तुरंत प्रभाव से बंद कर देंगे।
संगठन का कहना है कि यह फैसला अब घरों में ठीक हो रहे मरीजों आदि पर हो रही दूसरी स्टडीज को प्रभावित करेगा।
ट्रायल
39 देशों के 5,500 मरीजों पर चल रहा है सॉलिडेरिटी ट्रायल
इससे पहले शुक्रवार को संगठन के प्रमुख डॉक्टर टेड्रोस ने मीडिया को बताया था कि WHO को जल्द ही उन दवाओं के क्लिनिकल ट्रायल के अंतरिम नतीजे मिल जाएंगे, जो कोरोना मरीजों के इलाज में प्रभावी साबित हो सकती हैं।
उन्होंने कहा था, "सॉलिडेरिटी ट्रायल के 39 देशों में लगभग 5,500 मरीजों को चुना गया था। हमें उम्मीद है कि अगले दो सप्ताह में इसके अंतरिम नतीजे हमारे सामने होंगेे।"
सॉलिडेरिटी ट्रायल
इन दवाओं का हो रहा ट्रायल
सॉलिडेरिटी ट्रायल में कोरोना वायरस के इलाज के लिए संभावित दवाओं का ट्रायल किया जा रहा है।
इस ट्रायल में रेमडेसिवीर, मलेरिया रोधी दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन, HIV की दवा लोपिनेवीर/रिटोनेवीर, और लोपिनेवीर/रिटोनेवीर को इंटरफेरोन के साथ मिलाकर जांचा जा रहा है।
हालांकि, एक बार पहले भी हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन की टेस्टिंग पर रोक लग गई थी। एक स्टडी में इसे वायरस के खिलाफ लड़ाई में प्रभावी नहीं बताया गया था। बाद में उस स्टडी पर काफी विवाद भी हुआ था।
दवा
ट्रंप ने HCQ को बताया था 'गेम चेंजर'
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में HCQ को 'गेम चेंजर' करार दे चुके हैं।
ट्रंप ने यह भी कहा है उन्होंने इस दवा का सेवन किया है। हालांकि, विशेषज्ञों ने इस दवा को लेकर किए गए ट्रंप के दावे की पुष्टि नहीं की थी।
भारत इस मलेरिया रोधी दवा का दुनिया में सबसे बड़ा उत्पादक है। कोरोना वायरस संकट के बीच भारत ने कई देशों को यह दवा मदद के तौर पर भेजी है।
कोरोना वायरस
दुनिया में बीते दिन आए सर्वाधिक नए मामले
दूसरी तरफ बीते साल चीन के वुहान से शुरू हुआ कोरोना वायरस का प्रकोप तेजी से दुनिया को अपना शिकार बनाता जा रहा है।
WHO ने बताया कि बीते दिन दुनियाभर में 2.12 लाख से अधिक नए मरीज मिले। महामारी शुरू होने के बाद एक दिन में सामने आने वाले मामलों की यह सबसे बड़ी संख्या है।
अगर कुल मामलों की बात करें तो दुनियाभर में लगभग 1.13 करोड़ लोग इस खतरनाक वायरस की चपेट में आ चुके हैं।
जानकारी
अब तक 5.30 लाख लोगों की मौत
जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के मुताबिक, कोरोना वायरस के कारण दुनिया के अलग-अलग देशों में 5.30 लाख से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। वहीं इससे ठीक होने वाले लोगों की संख्या 60 लाख से ज्यादा है। ब्राजील में सर्वाधिक 9.9 लाख लोग ठीक हुए हैं।