मणिपुर: मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह आज दे सकते हैं इस्तीफा, राज्यपाल से मिलने का वक्त मांगा
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने आज राज्यपाल से मिलने का वक्त मांगा है। इसके बाद चर्चा है कि वे राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप सकते हैं। बता दें कि मणिपुर में 3 मई से हिंसा जारी है, जिसमें 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। हिंसा पर लगाम लगाने में नाकामयाब रहने की वजह से विपक्षी पार्टियां काफी समय से बीरेन सिंह के इस्तीफे की मांग कर रही हैं।
3 बजे राज्यपाल से मिलेंगे मुख्यमंत्री- रिपोर्ट्स
मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि बीरेन सिंह आज दोपहर 3 बजे राज्यपाल अनुसुइया उइके से मिलेंगे। इस दौरान वे अपना इस्तीफा सौंप सकते हैं। कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार की ओर से उन्हें या तो इस्तीफा देने या केंद्र को कार्यभार सौंपने के विकल्प दिए गए थे। इसके बाद सिंह ने राज्यपाल से मिलने का समय मांगा है। इससे पहले शनिवार को उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी।
मुख्यमंत्री के समर्थन में उतरे लोग
इस्तीफे की अटकलों के बीच बीरेन सिंह के समर्थक इंफाल में सड़कों पर उतर आए हैं। राजभवन और मुख्यमंत्री आवास के बीच सैकड़ों लोग जमा होकर सिंह के समर्थन में नारेबाजी कर रहे हैं। लोगों की अपील है कि मुख्यमंत्री इस्तीफा न दें।
कौन हैं बीरेन सिंह?
1 जनवरी, 1961 को जन्मे बीरेन सिंह पेशेवर फुटबॉल खिलाड़ी रहे हैं। वे 18 साल की उम्र में सीमा सुरक्षा बल (BSF) की फुटबॉल टीम में चुन गए थे और 1981 में डूरंड कप जीतने वाली टीम का हिस्सा रहे। वे पत्रकारिता से भी जुड़े रहे हैं। उन्होंने साल 2002 में डेमोक्रेटिक रिवोल्यूशनरी पीपल्स पार्टी (DRPP) के टिकट पर हिंगांग से पहला विधानसभा चुनाव जीता था। वे मणिपुर में भाजपा के पहले मुख्यमंत्री हैं। वह 2017 से मुख्यमंत्री हैं।
मणिपुर में लगभग 2 महीने से जारी है हिंसा
मणिपुर हाई कोर्ट ने मार्च में मणिपुर सरकार से गैर-आदिवासी मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा दिए जाने की याचिका पर विचार करने को कहा था। इसका कुकी आदिवासियों ने विरोध किया और उनकी एकजुटता मार्च के बाद 3 मई को हिंसा भड़क गई थी। उसके बाद से ही मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है और यहां 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
2 दिवसीय मणिपुर दौरे पर हैं राहुल गांधी
बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी 2 दिवसीय मणिपुर दौरे पर हैं। गुरुवार को उन्होंने हिंसाग्रस्त चुराचांदपुर जिले का दौरा किया और राहत शिविरों में रह रहे विस्थापित लोगों से मुलाकात की और बच्चों के साथ खाना भी खाया। हालांकि, जब वे चुराचांदपुर जा रहे थे तब पुलिस वालों ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए उनका काफिला रोक लिया था। बाद में वे हेलिकॉप्टर से राहत शिविर पहुंचे।