
ट्विटर को बड़ा झटका; सरकार के खिलाफ दाखिल याचिका खारिज, 50 लाख का जुर्माना भी लगा
क्या है खबर?
कर्नाटक हाई कोर्ट ने शुक्रवार को भारत सरकार के निर्देशों को चुनौती देने वाली सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर की याचिका खारिज कर दी।
इसके अलावा कोर्ट ने ट्विटर के आचरण का हवाला देते हुए उस पर 50 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
ट्विटर ने पिछले साल जून में भारत के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा आपत्तिजनक ट्वीट और कुछ अकाउंट को ब्लॉक करने के आदेश को चुनौती देते हुए कर्नाटक हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।
कोर्ट
कोर्ट ने अपने आदेश में क्या कहा?
न्यायाधीश कृष्णा एस दीक्षित ने कहा "ट्विटर को 28 जून, 2022 को सरकार ने पत्र लिखकर 4 जुलाई तक आदेशों का पालन करने को कहा था। आदेश में देरी और कानून के उल्लंघन के मामलों में ट्विटर अधिकारियों पर जुर्माना लगाया जा सकता है और 7 साल तक की जेल हो सकती है।"
उन्होंने कहा कि ट्विटर कोई किसान या कानून से अपरिचित कोई सामान्य व्यक्ति नहीं है, बल्कि एक अरबपति कंपनी है।
कोर्ट
कोर्ट ने और क्या कहा?
कोर्ट ने कहा, "ट्विटर ने आपत्तिजनक सामग्री को ब्लॉक करने की केंद्र सरकार की मांगों का समय पर पालन नहीं करने का कारण नहीं बताया है और कंपनी पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाता है।"
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि वह केंद्र सरकार के रुख से आश्वस्त है कि उसके पास न केवल ट्वीट्स को ब्लॉक करने की शक्ति है, बल्कि वह खातों को भी ब्लॉक कर सकती है।
ट्विटर
ट्विटर ने अपनी याचिका में क्या कहा था?
ट्विटर ने अपनी याचिका में तर्क दिया था कि भारत सरकार को सोशल मीडिया खातों को ब्लॉक करने के लिए सामान्य आदेश जारी करने का अधिकार नहीं है और आदेशों में कारण शामिल होने चाहिए, जिन्हें उपयोगकर्ताओं को सूचित किया जाना चाहिए।
उसने कोर्ट में कहा कि ट्वीट्स को ब्लॉक करने का आदेश केवल उस स्थिति में जारी किया जा सकता है, जहां सामग्री की प्रकृति सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69A के तहत निर्धारित आधारों के अनुरूप हो।
सरकार
सरकार ने कोर्ट में अपनी दलील में क्या कहा?
केंद्र सरकार ने कोर्ट में अपनी दलील रखते हुए कहा था कि भारत की संप्रभुता या सार्वजनिक व्यवस्था के लिए खतरा होने पर ही सरकार हस्तक्षेप करेगी और इसे लेकर ही ट्विटर खातों को ब्लॉक करने के निर्देश दिये गए।
सरकार ने कहा कि ट्विटर अपने खाताधारकों की ओर से नहीं बोल सकता और उसके पास याचिका दायर करने का कोई अधिकार नहीं है। सरकार ने कहा कि विदेशी कंपनी होने कारण ट्विटर लगातार कानूनों की अनदेखी करती आई है।
आरोप
ट्विटर के पूर्व CEO ने सरकार पर लगाए थे गंभीर आरोप
कर्नाटक हाई कोर्ट का यह निर्णय ट्विटर के सह-संस्थापक और पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) जैक डॉर्सी के भारत सरकार पर गंभीर आरोप लगाने के कुछ हफ्तों बाद आया है।
डोर्सी का आरोप था कि सरकार ने किसान आंदोलन के दौरान उन्हें कई ट्वीट्स हटाने को कहा था और ऐसा न करने पर ट्विटर को बंद करने की धमकी दी थी।
भारत सरकार ने इन आरोपों को तथ्यहीन और बेबुनियाद बताते हुए खारिज कर दिया था।