मणिपुर हिंसा: कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी पर उठाए सवाल, लोगों ने जलाए रेडियो
कांग्रेस ने मणिपुर में पिछले डेढ़ महीने से जारी हिंसा को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि केंद्र सरकार मणिपुर की अनदेखी कर रही है और एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को मणिपुर का दौरा करने की अनुमति मिलनी चाहिए। मणिपुर के कुछ लोगों ने भी विरोध जताने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के मासिक 'मन की बात' कार्यक्रम के प्रसारण के दौरान रेडियो जलाए।
'मन की बात' में होनी चाहिए थी 'मणिपुर की बात'- खड़गे
मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्वीट किया, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, आपकी 'मन की बात' में 'मणिपुर की बात' शामिल होनी चाहिए थी।' उन्होंने आगे लिखा, 'सीमावर्ती राज्य में स्थिति अनिश्चित और अत्यधिक परेशान करने वाली है। आपने अब तक एक शब्द नहीं बोला है। आपने एक भी बैठक की अध्यक्षता नहीं की है। आप अभी तक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल से नहीं मिले हैं। ऐसा लगता है कि आपकी सरकार मणिपुर को भारत का हिस्सा नहीं मानती है। यह अस्वीकार्य है।'
महिलाओं ने रेडियो जलाकर की नारेबाजी
पूर्व मुख्यमंत्री इबोबी सिंह ने भी प्रधानमंत्री मोदी पर साधा निशाना
मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता ओकराम इबोबी सिंह ने भी प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, "मणिपुर मई से जल रहा है और करीब 20,000 लोग राहत शिविरों में हैं। हालांकि, प्रधानमंत्री मोदी ने अभी तक मणिपुर के संबंध में कुछ भी व्यक्त नहीं किया है। मणिपुर भारत का हिस्सा है भी या नहीं? अगर मणिपुर भारत का हिस्सा है तो भारत के प्रधानमंत्री ने इसके बारे में अब तक क्यों नहीं बोला है?"
मणिपुर में भाजपा नेताओं के घरों को बनाया जा रहा निशाना
मणिपुर में पिछले कुछ दिनों में उग्रवादियों ने भाजपा के स्थानीय नेताओं के घरों को निशाना बनाया है। हालांकि, भारतीय सेना और असम राइफल्स ने इन प्रयासों को कुछ हद तक विफल कर दिया। उग्रवादियों ने गुरुवार देर रात इंफाल में केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री आरके रंजन सिंह के घर को आग के हवाले कर दिया था। उग्रवादियों ने इरिंगबाम पुलिस स्टेशन पर हमला कर शस्त्रागार में तोड़फोड़ करने का भी प्रयास किया।
मणिपुर में डेढ़ महीने से जारी है हिंसा
पिछले डेढ़ महीने से मणिपुर में हिंसा जारी है, जिसमें अब तक 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।मणिपुर हाई कोर्ट ने मणिपुर सरकार से गैर-आदिवासी मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा दिए जाने की याचिका पर विचार करने को कहा था। इसका कुकी आदिवासियों ने विरोध किया और उनकी एकजुटता मार्च के बाद 3 मई को हिंसा भड़क गई। तभी से दोनों समुदायों में हिंसा जारी है।