मणिपुर: कुकी समुदाय ने मांगी सेना की सुरक्षा, सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल सुनवाई से किया इनकार
क्या है खबर?
मणिपुर में जारी हिंसा के बीच सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सुरक्षा को लेकर दाखिल कुकी समुदाय की याचिका पर तत्काल सुनवाई करने से मना कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह सिर्फ कानून और व्यवस्था से जुड़ा मुद्दा है और इस पर तत्काल सुनवाई की आवश्यकता नहीं है।
दरअसल, मणिपुर ट्राइबल फोरम द्वारा दाखिल याचिका में कुकी समुदाय की सुरक्षा भारतीय सेना को सौंपे जाने की मांग की गई थी।
याचिका पर सुनवाई 3 जुलाई को होगी।
आदेश
हाई कोर्ट ने दिया सीमित इंटरनेट सेवाएं बहाल करने का अंतरिम आदेश
मणिपुर हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को उसके नियंत्रण वाले कुछ स्थानों पर सीमित इंटरनेट सेवाएं प्रदान करने का अंतरिम आदेश दिया है।
हाई कोर्ट ने कहा कि इंटरनेट के बिना लोगों और विशेष रूप से छात्रों को विभिन्न परीक्षाओं की प्रवेश प्रक्रिया में आवेदन करने के लिए कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, जिसके लिए कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।
कोर्ट अपने आदेश के बाद स्थिति की समीक्षा करने के लिए 23 जून को दोबारा सुनवाई करेगा।
आदेश
मणिपुर में 3 मई से इंटरनेट पर है प्रतिबंध
मणिपुर हाई कोर्ट ने इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स को भी सीमित सेवा प्रदान करने को लेकर हलफनामा दायर करने के लिए कहा है।
बता दें कि मणिपुर सरकार ने 3 मई को हिंसा भड़कने के बाद पहली बार इंटरनेट पर प्रतिबंध लगाया था, जो अब तक जारी है।
मणिपुर सरकार का कहना है कि प्रदेश में शांति व्यवस्था बनाए रखने और उपद्रव को रोकने के लिए यह निर्णय लिया गया है और इंटरनेट बहाल होने पर दोबारा हिंसा भड़क सकती है।
बयान
मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने उपद्रवियों को दी चेतावनी
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने उपद्रवियों को चेतावानी देते हुए कहा है कि अगर उन्होंने राज्य में हिंसा बंद नहीं की तो उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि सरकार हिंसा के कारण बेघर हुए लोगों को दोबारा बसाने के लिए नए घरों का निर्माण करेगी।
बता दें कि रविवार रात पश्चिम इंफाल जिले में उग्रवादियों की गोलीबारी में भारतीय सेना का एक जवान घायल हो गया था।
हमला
हिंसा को लेकर विपक्षी पार्टियों के निशाने पर है केंद्र
विपक्षी पार्टियां लगातार केंद्र सरकार पर मणिपुर में हिंसा को रोकने में नाकाम होने का आरोप लगाते हुए निशाना साध रही हैं। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए उन पर मणिपुर की अनदेखी करने का आरोप लगाया है।
केंद्र सरकार ने शांति बहाल करने के लिए राज्यपाल की अध्यक्षता में शांति समिति के गठन का ऐलान किया था, लेकिन कुकी और मैतेई दोनों समुदाय ने इसका बहिष्कार कर दिया।
हिंसा
मणिपुर हिंसा में 100 से अधिक लोगों की हो चुकी है मौत
मणिपुर में पिछले डेढ़ महीने से हिंसा जारी है, जिसमें अब तक 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।
मणिपुर हाई कोर्ट ने मणिपुर सरकार से गैर-आदिवासी मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा दिए जाने की याचिका पर विचार करने को कहा था।
इसका कुकी आदिवासियों ने विरोध किया और उनकी एकजुटता मार्च के बाद 3 मई को हिंसा भड़क गई थी।