प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा इमरान खान को पत्र, कहा- पाकिस्तान से अच्छे संबंध चाहता है भारत
क्या है खबर?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को पत्र लिखकर 'पाकिस्तान दिवस' की शुभकामनाएं दी हैं। अपने इस पत्र में उन्होंने यह भी कहा है कि भारत पाकिस्तान के साथ अच्छे संबंध चाहता है, लेकिन इसके लिए आतंकवाद और दुश्मनी से रहित भरोसे का वातावरण अनिवार्य है।
संबंधों में सुधार के बीच लिखे गए इस पत्र को NDTV के सरकारी सूत्रों ने एक नियमित पत्र बताया है और कहा है कि ऐसा पत्र हर साल भेजा जाता है।
पत्र
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने पत्र में क्या लिखा?
22 मार्च के अपने इस पत्र में प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा है, "पाकिस्तान के राष्ट्रीय दिवस के मौके पर मैं पाकिस्तान के लोगों को शुभकामनाएं देता हूं। एक पड़ोसी देश के तौर पर भारत पाकिस्तान के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध चाहता है। इसके लिए आतंकवाद और दुश्मनी से रहित भरोसे का वातावरण अनिवार्य है। मान्यवर, मानवता के लिए इस कठिन समय में मैं आपको और पाकिस्तान के लोगों को कोविड-19 महामारी की चुनौती से निपटने के लिए शुभकामनाएं देता हूं।"
संबंधों में सुधार
हालिया समय में दोनों देशों के रिश्तों में हुआ है सुधार
प्रधानमंत्री मोदी ने इमरान खान को ये पत्र ऐसे समय पर लिखा है जब हालिया समय में भारत और पाकिस्तान के संबंधों में सुधार हुआ है।
पिछले महीने ही दोनों देशों की सेनाओं के बीच नियंत्रण रेखा (LoC) पर गोलीबारी बंद करने की सहमति बनी थी।
इसके अलावा सिंधु जल संधि से संबंधित विवाद पर चर्चा करने के लिए पाकिस्तान का एक दल भी कल भारत पहुंचा है जो ढाई साल में पहली बार हुआ है।
अन्य संकेत
ये संकेत भी करते हैं रिश्तों के पटरी पर लौटने का इशारा
हालिया समय में रिश्ते अच्छे होने के अन्य संकेत भी मिले हैं।
पिछले हफ्ते पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने भारत से पुराने मुद्दों को भूलकर आगे बढ़ने की बात कही थी। वहीं उनसे एक दिन पहले पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा था कि कश्मीर समस्या देशों को आगे जाने से रोक रही है।
इसके बाद जब इमरान खान कोरोना संक्रमित हुए तो प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की थी।
रिपोर्ट
UAE ला रहा भारत और पाकिस्तान को करीब, सीजफायर महज शुरूआत
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभा रहा है और दोनों देश फिर से रिश्ते सुधारने की तरफ बढ़ रहे हैं। सीजफायर इसकी महज शुरुआत है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि दोनों देशों का अगला कदम अपने राजदूतों को बहाल करना होगा। अनुच्छेद 370 हटने के बाद दोनों देशों ने अपने राजदूतों को वापस बुला लिया था।
इसके बाद कश्मीर समस्या के स्थायी समाधान पर बातचीत होगी।
खराब रिश्ते
पुलवामा हमले के बाद से रिश्तों पर जमी है बर्फ
बता दें कि फरवरी, 2019 में पुलवामा में CRPF के काफिले पर हुए आतंकी हमले के बाद से ही भारत और पाकिस्तान के संबंध लगभग टूटे हुए हैं।
पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद द्वारा किए गए इस हमले में भारत के 40 जवान शहीद हुए थे और इसका बदला लेने के लिए भारत ने पाकिस्तान में मौजूद आतंकी कैंपों पर एयरस्ट्राइक की थी।
अनुच्छेद 370 पर भारत के फैसले के बाद दोनों देशों ने अपने राजदूत भी वापस बुला लिए थे।