दिल्ली में जल्द आ सकता है विनाशकारी भूकंप, IIT के भूविज्ञानियों ने दी चेतावनी
क्या है खबर?
देश की राजधानी दिल्ली और NCR में पिछले पिछले दो महीनों में कई बार भूकंप के झटके महसूस किए जा चुके हैं। अप्रैल के दूसरे सप्ताह में दिल्ली की धरती हिलने का जो सिलसिला शुरू हुआ था उसके बाद निम्न और मध्यम तीव्रता के 11 भूकंप आ चुके हैं।
अब देश के बड़े भूविज्ञानियों ने सावधान करते हुए कहा है कि दिल्ली-NCR में लगातार आ रहे झटके निकट भविष्य में राजधानी में विनाशकारी भूकंप के आने का संकेत है।
चेतावनी
भूवैज्ञानिकों ने हल्के भूकंपों को बताया विनाशकारी भूकंप का संकेत
TOI की रिपोर्ट के अनुसार भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) धनबाद के भूभौतिकी और भूकंपीय विभाग प्रोफेसर पीके खान ने कहा कि दिल्ली-NCR में पिछले दो महीने से आ रहे भूकंप के हल्के झंटके एक विनाशकारी भूकंप के आने का संकेत है।
उन्होंने कहा कि ऐसे में अब समय आ गया है कि केंद्र और राज्य सरकारों को भूकंप के बचने के उपायों पर काम शुरू करने के साथ लोगों में जागरूकता फैलाने का कार्य शुरू कर देना चाहिए।
जानकारी
भूकंप के सबसे संवेदनशील जोन में आता है NCR
वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के चीफ डॉ कलाचंद सैन की माने तो दिल्ली-NCR का इलाका भूकंप के जोन-4 में आता है। यह भूकंप के लिए सबसे संवेदनशील क्षेत्र है। ऐसे में सरकार को इस पर ध्यान देने की जरूरत है।
झटके
दो साल में पूरे रीजन में लगे 64 झटके
प्रोफेसर खान ने कहा कि पूरे दिल्ली-NCR क्षेत्र में पिछले दो सालों में 4.0 से 4.9 तीव्रता के 64 भूकंप आ चुके हैं। इसी तरह आठ भूकंपों की तीव्रता 5.0 रही है।
भूंकपों का केंद्र दिल्ली और हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा के बीच रहा है। गत तीन जून को नोएड में आए भूकंप से पहले के दो महीनों में क्षेत्र में 11 बार झटके महसूस किए जा चुके हैं। यह स्थिति भविष्य में आने वाले गंभीर भूकंप का संकेत है।
विवरण
गंभीर भूकंपों के क्षेत्रों से ज्यादा दूर नहीं है दिल्ली
प्रोफेसर खान ने कहा कि दिल्ली-NCR गंभीर भूकंपों के लिए पहचाने जाने वाले कांगडा से 370 किलोमीटर और उत्तरकाशी से 260 किलोमीटर दूर है। ऐसे में इन क्षेत्रों में आने वाले विनाशकारी भूकंपों का दिल्ली पर व्यापक असर हो सकता है।
उन्होंने कहा कि चंबा और धर्मशाला में 1945 में 6.3 और 1905 में 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था। हाल ही में हुई भूगर्भीय प्लेटों में हुए परिवर्तन के कारण अब गढ़वाल में भूकंप का सबसे अधिक खतरा है।
नुकसान
गढ़वाल में तेज भूकंप से दिल्ली-NCR में होगा बड़ा नुकसान
प्रोफेसर खान ने कहा कि गढ़वाल में 1803 में 7.7 और 1991 में 6.8 तीव्रता का भूकंप आया था। ऐसे में अब यदि वहां इसी तीव्रता का भूकंप आता है तो यह बढ़ते शहरी घनत्व और बिल्डरों द्वारा इमारतों के निर्माण में बरती गई अनियमतताओं के कारण दिल्ली-NCR के लिए विनाशकारी साबित होगा।
हालांकि, उन्होंने कहा कि भूकंप के लिए कोई भविष्यवाणी मॉडल अभी भी उपलब्ध नहीं है। ऐसे में इसका सिर्फ अंदाजा ही लगाया जा सकता है।
अनियमितता
बिल्डिंग निर्माण में नहीं किया जाता भारतीय मानक ब्यूरो के नियमों का पालन
IIT जम्मू के प्रोफेसर चंदन घोष का कहना है कि भूकंप दिल्ली-NCR में भारी तबाही ला सकता है। इसके अति संवेदनशील जोन में होने के बाद भी यहां के बिल्डरों द्वारा बिल्डिंग निर्माण में भारतीय मानक ब्यूरो के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं।
उनका कहना है कि आर्किटेक्ट और बिल्डरों के बीच सांठगांठ है जिससे वे मानकों के साथ समझौता करते हैं। ऐसे में अगर किसी दिन उच्च तीव्रता का भूकंप आया तो इसके विनाशकारी परिणाम होंगे।