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मुंबई: नागरिकता कानून के समर्थन और विरोध में प्रदर्शन, प्रदर्शनों की दूरी मात्र चार किलोमीटर

मुंबई: नागरिकता कानून के समर्थन और विरोध में प्रदर्शन, प्रदर्शनों की दूरी मात्र चार किलोमीटर

Dec 27, 2019
08:19 pm

क्या है खबर?

महाराष्ट्र के मुंबई में आज नागरिकता कानून के विरोध और समर्थन दोनों में प्रदर्शन हुए। इन प्रदर्शनों के बीच मात्र चार किलोमीटर का अंतर रहा। नागरिकता कानून के समर्थन में अगस्त क्रांति मैदान मेें प्रदर्शन हुआ जिसमें सैकड़ों लोग जमा हुए। वहीं इसके विरोध में दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में प्रदर्शन हुआ जिसमें सैकड़ों छात्र, बॉलीवुड हस्तियां और सामाजिक कार्यकर्ता जुटे। आइए जानें पूरी खबर।

समर्थन में प्रदर्शन

देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में हो रहा समर्थन में प्रदर्शन

नागरिकता कानून के समर्थन में अगस्त क्रांति मैदान में हो रहे प्रदर्शन का आयोजन भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में हो रहा है। मंच पर एक बड़ा तिरंगा झंडा लगाया गया है और वीर सावरकर की एक तस्वीर लगी हुई है। सावरकर के पोते रंजीत सावरकर को भी रैली में बोलने के लिए बुलाया गया है। इसके अलावा भाजपा के अन्य नेता और समर्थक भी इस प्रदर्शन में शामिल हैं।

विरोध में प्रदर्शन

अगस्त क्रांति मैदान पर पिछले हफ्ते हुआ था विरोध में प्रदर्शन

बता दें कि पिछले हफ्ते गुरूवार को इसी अगस्त क्रांति मैदान पर नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन हुआ था। इस प्रदर्शन में हजारों की संख्या में छात्र और आम लोग जमा हुए थे। फरहान अख्तर, स्वरा भास्कर, अनुराग कश्यप और राकेश ओमप्रकाश मेहरा जैसे चर्चित बॉलीवुड सितारे भी इस प्रदर्शन में जमा हुए थे। लेकिन इस बार इस विरोध प्रदर्शन को आजाद मैदान में आयोजित किया गया है और इस बार भी हजारों लोग जमा हुए हैं।

दिल्ली प्रदर्शन

दिल्ली की जामा मस्जिद के बाहर हजारों लोगों का प्रदर्शन

मुंबई के अलावा आज दिल्ली में भी नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन हुए। ऐतिहासिक जामा मस्जिद के बाहर हजारों की संख्या में लोग जमा हुए और इस विवादित कानून का विरोध किया। इस प्रदर्शन में चंद्रशेखर आजाद की भीम आर्मी भी शामिल हुई। चंद्रशेखर अभी पुलिस की हिरासत में हैं। प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री आवास तक मार्च निकालना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें ऐसा करने की इजाजत नहीं दी।

नागरिकता कानून

क्या है नागरिकता कानून?

बता दें कि नागरिकता कानून में अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक अत्याचार के कारण भारत आने वाले हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई धर्म के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है। भारत के इतिहास में ये पहली बार है जब धर्म को नागरिकता से जोड़ा गया है। मुस्लिमों को इसके दायरे से बाहर रखने के कारण इसका देशभर में विरोध हो रहा है और लाखों लोग सड़कों पर उतरे हुए हैं।

जानकारी

प्रदर्शनों में 21 लोगों की मौत

नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान देशभर में अब तक 21 लोगों की मौत हो चुकी है। सबसे अधिक 16 मौतें उत्तर प्रदेश में हुईं हैं। राज्य में भाजपा की सरकार है और यहां पुलिस की कार्रवाई पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।