कोरोना वायरस से ठीक होने में कितना समय लगता है?
पूरी दुनिया में कोरोना वायरस से होने वाली बीमारी (COVID-19) के कारण तीन लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं इससे ठीक होने वालों की संख्या इससे कई गुना ज्यादा है और यह राहत की बात है। COVID-19 से ठीक होने का सफर सब लोगों के लिए एक जैसा नहीं होता। यह कई बिंदुओं पर निर्भर करता है। आइये, आज जानते हैं कि आमतौर पर लोगों को इस महामारी से ठीक होने पर कितना समय लगता है।
कई कारकों पर निर्भर करता है मरीज का ठीक होना
सबसे पहले तो ठीक होना इस बात पर निर्भर करता है कि कोई कितना बीमार हैं। कुछ लोग ऐसे होते हैं, जो किसी भी बीमारी से जल्दी ठीक हो जाते हैं और कुछ लोग लंबे समय तक बीमार रहते हैं। वहीं कोरोना वायरस के मामले में उम्र, लिंग और स्वास्थ्य संबंधी दूसरे मामले ठीक होने की राह में रोड़े बन सकते हैं। साथ ही किसी मरीज का ठीक होने उसको मिलने वाले इलाज पर भी निर्भर होता है।
अगर किसी में हल्के लक्षण हैं तो कितना समय लगता है?
कोरोना संक्रमित अधिकतर लोगों को खांसी और बुखार जैसी शिकायत रहती है। किसी-किसी को बदन दर्द, थकान आदि भी महसूस होते हैं। ऐसे लक्षण आराम, अधिक मात्रा में पेय पदार्थ पीने और दर्द निवारक दवा खाने से ठीक हो जाते हैं। चीन में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की तरफ से किए गए विश्लेषण के मुताबिक, आमतौर पर बुखार एक हफ्ते में ठीक हो जाता है, लेकिन खांसी दो हफ्तों से ज्यादा समय तक रह सकती है।
अगर किसी को गंभीर लक्षण हैं?
कुछ मामलों में संक्रमण के सात से 10 दिन के बीच मरीज में गंभीर लक्षण दिखने लगते हैं। उनके फेफड़ों में सूजन आ जाती है, जिस कारण उन्हें सांस लेने में परेशानी होती है। ऐसे कई मरीजों को अस्पताल में ऑक्सीजन थैरेपी की भी जरूरत पड़ जाती है। डॉक्टरों का कहना है कि सांस लेने में परेशानी दो महीनों तक रह सकती है और इसके बाद भी कुछ समय तक व्यक्ति को थकावट महसूस होती रहेगी।
अगर किसी को ICU में जाना पड़े तो?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का अनुमान है कि 20 कोरोना संक्रमितों में से एक को ICU में इलाज की जरूरत पड़ेगी। वहीं ICU से बाहर आए हर मरीज को ठीक होने में समय लगता है। ऐसे मरीजों को पहले जनरल वार्ड में शिफ्ट किया जाता है और फिर घर भेजा जाता है। जानकारों का कहना है कि किसी भी तरह की गंभीर बीमारी से पूरी तरह ठीक होने में एक साल से अधिक का समय लगता है।
ठीक होने में लग सकते हैं महीनों
वहीं चीन और इटली में ICU से लौटे मरीजों के विश्लेषण से पता चला है कि उन्हें ठीक होने के बाद अब पूरे शरीर में थकावट, थोड़े से तनाव के बाद सांस लेने में परेशानी और लगातार खांसी आदि की परेशानी रहती है। दरअसल, लंबे समय तक अस्पताल में रहने से मरीज कमजोर हो जाता है और उनकी मांसपेशियों को दोबारा बनने में समय लगता है। ऐसे लोगों को पूरी तरह ठीक होने में महीनों लग सकते हैं।