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    क्षेत्रीय पार्टियों की ओर बढ़ा दानदाताओं का रुझान, सालाना चंदे में हुई 400% से ज्यादा बढ़ोत्तरी

    क्षेत्रीय पार्टियों की ओर बढ़ा दानदाताओं का रुझान, सालाना चंदे में हुई 400% से ज्यादा बढ़ोत्तरी

    लेखन भारत शर्मा
    May 14, 2020
    08:00 pm

    क्या है खबर?

    देश में आने वाले समय में होने वाले चुनावों में राष्ट्रीय राजनीतिक दलों द्वारा क्षेत्रीय राजनीतिक दलों को कमतर आंकना महंगा पड़ सकता है।

    इसके पीछे सबसे बड़ा कारण दानदाताओं का क्षेत्रीय पार्टियों की ओर बढ़ता रुझान है।

    एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक राइट्स (ADR) द्वारा जारी रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है।

    रिपोर्ट के अनुसार क्षेत्रीय राजनीतिक दलों के सालाना चंदे में साल 2018-19 में 400 प्रतिशत से भी अधिक की राशि की बढ़ोत्तरी हुई है।

    चंदा

    25 क्षेत्रीय दलों को मिला 230.40 करोड़ रुपये का चंदा

    ADR की रिपोर्ट के अनुसार साल 2018-19 में 25 क्षेत्रीय राजनीतिक दलों ने 4,046 दानदाताओं से 20,000 रुपये से कम और ज्यादा का कुल 230.40 करोड़ रुपये का चंदा हासिल किया है।

    क्षेत्रीय दलों की ओर से उपलब्ध कराई गई रिपोर्ट के आधार पर उन्हें साल 2017-18 में 2,824 दानदातों से कुल 54.81 करोड़ रुपये का चंदा मिला था।

    ऐसे में साल 2018-19 में क्षेत्रीय दलों के चंदे में कुल 420 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोत्तरी हुई है।

    जानकारी

    26 क्षेत्रीय दलों ने उपलब्ध नहीं कराई चंदे की रिपोर्ट

    ADR की रिपोर्ट के अनुसार देश में कुल 52 क्षेत्रीय दल पंजीकृत हैं, लेकिन 26 दलों ने आयोग को अपने चंदे की रिपोर्ट नहीं दी है। इसी तरह शिवसेना द्वारा अपूर्ण रिपोर्ट देने से उसके चंदे को इस रिपोर्ट में शामिल नहीं किया गया है।

    YSR-C

    YSR कांग्रेस को मिला सबसे अधिक चंदा

    ADR की रिपोर्ट के अनुसार साल 2018-19 में YSR कांग्रेस पार्टी को 142 दानदाताओं से सबसे अधिक 80.575 करोड़ रुपये का चंदा मिला है।

    इसी प्रकार तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) को 62 दानदाताओं से 41.275 करोड़, बीजू जनता दल (BJD) को 29.317 करोड़ रुपये का चंदा मिला है।

    इसी तरह तेलगु देशम पार्टी (TDP) को 26.179 करोड़, आम आदमी पार्टी (AAP) को 14.59 करोड़ और JDU को 13.18 करोड़ रुपये का चंदा मिला है।

    अन्य दल

    अन्य दलों को इस प्रकार मिला चंदा

    शीर्ष छह प्रमुख दलों के अलावा पट्टाली मक्कल कॉची (PMK) को 4.198 करोड़ रुपये, जनता दल सेक्युलर (JDS) को 3.75, द्रविड मन्नेत्र कड़गम (DMK) को 3.506 और सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (SDF) को 2.857 करोड़ रुपये का चंदा मिला है।

    इसी तरह शेष राशि अन्य 15 क्षेत्रीय दलों को मिली है। AAP, GFP, DMK, SP, MNS और NPF ने 20,000 रुपये के कम का चंदा मिलने की भी घोषणा की है।

    तुलना

    YSR कांग्रेस को मिला साल 2017-18 की तुलना में सबसे अधिक चंदा

    ADR की रिपोर्ट के अनुसार YSR कांग्रेस पार्टी को साल 2017-18 की तुलना में 2018-19 में 72.225 करोड़ रुपये, TRS को 37.968 करोड़, TDP को 24.442, BJD को 16.277 करोड़ और AAP को 6.284 करोड़ रुपए अधिक का चंदा मिला है।

    इसी तरह यदि प्रतिशत में बात की जाए तो इस वर्ष YSR-C के चंदे में 865%, TRS के 1,148%, TDP के 1,407%, BJD के 220% और AAP के चंदे में 90% की बढ़ोत्तरी हुई है।

    जानकारी

    JVMP और AIADMK को नहीं मिला कोई चंदा

    रिपोर्ट के अनुसार झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातंत्रिका) (JVMP) और ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) को कोई चंदा नहीं मिला है। इसी तरह कुल चंदे की राशि की 65.60% राशि शीर्ष तीन क्षेत्री दल YSR कांग्रेस, TRS और BJD को मिली है।

    नकद

    क्षेत्रीय दलों ने नकद में प्राप्त किया 3.20 करोड़ रुपये का चंदा

    ADR की रिपोर्ट के अनुसार क्षेत्रीय दलों ने कुल दान की राशि में से 1.39% राशि यानी 3.20 करोड़ रुपये 450 दानदाताओं से नकद में प्राप्त किए हैं।

    नकद में DMK ने सबसे ज्यादा 2.978 करोड़ रुपये, PMK ने 10.60 लाख, NPF ने 7.90 लाख, RLD ने 3 लाख और DMDK ने 1 लाख रुपये प्राप्त किए हैं।

    नकद में सबसे अधिक चंदा तमिलनाडु के दानदाताओं ने 1.58 करोड़ और उत्तर प्रदेश के दानदाताओं ने तीन लाख रुपए दिए हैं।

    विवरण

    इन पार्टियों ने नहीं दिया नकद में दान देने वालों का विवरण

    चुनाव आयोग के अनुसार किसी भी राजनीतिक पार्टी द्वारा नकद में चंदा या दान लेने पर दान देने वाले का पूरा नाम और पता देना अनिवार्य होता है।

    इसके बाद भी NPF और DMK ने साल 2018-19 में 1.59 करोड़ रुपये का नकद चंदा लेने के बाद भी दानदाता के नाम और पूर्ण पते का उल्लेख नहीं किया है।

    ऐसे में दोनों पार्टियों को दानदाताओं की पूरी जानकारी देने के लिए कहा गया है।

    दिल्ली

    क्षेत्रीय दलों को दिल्ली से मिला सबसे अधिक दान

    क्षेत्रीय दलों को सबसे अधिक चंदा दिल्ली से 77.215 करोड़ रुपये, तेलंगाना से 45.227 करोड़ और महाराष्ट्र से 43.918 करोड़ रुपये का मिला है।

    इसी तरह क्षेत्रीय दलों में AAP ही एकमात्र ऐसी पार्टी है जिसने विदेश से अपने कुल चंदे का 3.90 प्रतिशत यानी 57 लाख रुपये का चंदा हासिल करने की घोषणा की है।

    इसके अलावा अन्य पार्टियों ने विदेश से चंदा मिलने के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है।

    दानदाता

    कॉरपोरेट सेक्टर ने दिया सबसे अधिक चंदा

    राष्ट्रीय दलों की तरह क्षेत्रीय दलों को भी चंदा देने में कॉरपोरेट सेक्टर आगे रहा है। क्षेत्रीय दलों को साल 2018-19 में कॉरपोरेट जगत के 292 लोगों ने 188.42 करोड़ रुपये का चंदा दिया है।

    इसी तरह 3,414 अन्य लोगों ने 39.97 करोड़ रुपये का चंदा दिया है।

    इसी तरह इस अवधि में कॉरपोरेट जगत के 1,776 दानदाताओं ने राष्ट्रयी दलों को 876.11 करोड़ रुपये का चंदा दिया था, जबकि 71.407 करोड़ का चंदा 3,509 अन्य दानदाताओं ने दिया था।

    जानकारी

    16 दलों ने नहीं दी दान देने वालों के PAN नंबर की जानकारी

    रिपोर्ट के अनुसार 16 दलों ने बिना PAN नंबर के ही चंदा हासिल करने की घोषणा की है। इसी तरह PMK, NDPP, NPF, DMDK और JAM ने किसी भी दानदाता के पैन नंबर का उल्लेख नहीं किया है। उनसे जवाब मांगा गया है।

    सत्ता

    कई राज्यों में सत्ता संभाल रहे हैं क्षेत्रीय दल

    दानदाताओं में क्षेत्रीय दलों के प्रति बढ़ते रुझान का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि धीरे-धीरे क्षेत्रीय दल मजबूत होते जा रहे हैं।

    वर्तमान में उड़ीसा में BJJ, महाराष्ट्र में शिवसेना, तमिलनाडु में AIADMK, तेलंगाना TRS, आंग्रध प्रदेश में YSR-C की सरकार है।

    इसी तरह राजधानी दिल्ली में AAP ने कमान संभाल रखी है। ऐसे में कहा जा सकता है कि क्षेत्रीय दलों को कमतर आंकना राष्ट्रीय दलों के लिए मुश्किलें पैदा कर सकता है।

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