मध्य प्रदेश: मुख्यमंत्री शिवराज ने लोगों को चेताया, बोले- कोरोना की तीसरी लहर आ गई है
क्या है खबर?
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज राज्य के लोगों को चेताते हुए कहा कि कोरोना वायरस महामारी की तीसरी लहर आ गई है।
उन्होंने कहा कि जन सहयोग से ही कोरोना वायरस से पार पाई जा सकती है और लोगों को संक्रमण से बचाव के नियमों का पालन करना चाहिए। उन्होंने सरकार की तरफ से लहर का सामना करने के लिए सभी तैयारियां पूरी होने की बात भी कही।
बयान
शिवराज बोले- कोविड के संक्रमण को रोकने के अनुकूल व्यवहार करना है
समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा, "कोरोना की तीसरी लहर आ गई है। उसका मुकाबला जन सहयोग से करना है। आवश्यक व्यवस्थाएं बना ली गई हैं। लेकिन सजग रहना है, सतर्क रहना है। कोविड के संक्रमण को रोकने के अनुकूल व्यवहार करना है।"
बता दें कि मध्य प्रदेश में बीते दिन 124 नए मामले सामने आए। इनमें से 62 मामले इंदौर और 27 मामले भोपाल में मिले।
दिल्ली
केजरीवाल बोले- मामले बढ़े, लेकिन डरने की जरूरत नहीं
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी तीसरी लहर पर बयान देते हुए कहा कि शहर में कोविड के मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन डरने की जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा, "अभी शहर में 6,360 सक्रिय मामले हैं... कल मात्र 246 बेड भरे गए और सभी मामले हल्के और बिना लक्षण वाले हैं। अस्पतालों में अभी मात्र 82 ऑक्सीजन बेड भरे हुए हैं। दिल्ली सरकार 37,000 बेड के साथ तैयार है।"
उन्होंने लोगों से सावधान बने रहने की अपील की।
तीसरी लहर
देश में बढ़ने लगे हैं कोरोना के मामले
बता दें कि भारत में पिछले कुछ दिनों से संक्रमण रफ्तार पकड़ रहा है और दैनिक मामलों में तेज इजाफा देखने को मिल रहा है।
दिसंबर के आखिरी सप्ताह की शुरुआत में देश में 6,000 से 8,000 मामले दर्ज हो रहे थे, लेकिन आज 27,000 से अधिक लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई।
देश में ट्रांसमिशन रेट एक से ज्यादा हो गया है, जबकि दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों में यह दो से पार हो गया है।
ओमिक्रॉन
ओमिक्रॉन के मामलों में भी इजाफा, तीसरी लहर का सबसे बड़ा कारण
देश में कोरोना वायरस का ओमिक्रॉन वेरिएंट भी तेजी से पैर पसार रहा है और अब तक करीब 1,500 मरीजों में इसकी पुष्टि हो चुकी है।
हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि इसके असल मामले कई गुना अधिक हैं और तीसरी लहर का एक बड़ा कारण यही है।
ओमिक्रॉन का प्रसार रोकने के लिए कई राज्यों ने स्कूल बंद कर दिए हैं और नाइट कर्फ्यू जैसी पाबंदियों को एक बार फिर से लागू कर दिया गया है।