
दिग्वजिय सिंह ने तालिबान से की RSS की तुलना, कहा- महिलाओं पर दोनों की समान विचारधारा
क्या है खबर?
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने तालिबान को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर तीखा निशाना साधा है।
उन्होंने RSS की तालिबान से तुलना करते हुए कहा है कि महिलाओं को लेकर दोनों की एक जैसी ही विचारधारा है।
इतना ही नहीं उन्होंने केंद्र सरकार से अफगानिस्तान में तालिबान की नई सरकार पर अपना रुख स्पष्ट करने और यह बताने की मांग की है कि क्या भारत उसे मान्यता देगा?
ट्वीट
दिग्विजय सिंह ने मोहन भागवत के बयान को लेकर की तुलना
बता दें कि अफगानिस्तान में बनी तालिबान की कार्यवाहक सरकार में किसी भी महिला को मंत्री नहीं बनाया गया है। तालिबान का कहना है कि महिलाएं मंत्री बनने के योग्य नहीं होतीं।
इस पर दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया, 'तालिबान का कहना है कि महिलाएं मंत्री बनाए जाने लायक नहीं है।
इसी तरह RSS प्रमुख मोहन भागवत का कहना है कि महिलाओं को घर पर रहकर गृहस्थी संभालनी चाहिए। ऐसे में क्या दोनों के विचारों में समानता है?'
जवाब
दिग्विजय सिंह ने केंद्र से तालिबान सरकार पर रुख स्पष्ट करने की मांग
RSS की तालिबान से तुलना करने के अलावा दिग्विजय सिंह ने केंद्र सरकार से अफगानिस्तान में तालिबान सरकार पर अपना रुख स्पष्ट करने के लिए भी कहा है।
उन्होंने एक अन्य ट्वीट कर लिखा, 'मोदी-शाह सरकार को अब स्पष्ट करना होगा कि क्या भारत अफगानिस्तान में बनी तालिबान की अंतरिम सरकार को मान्यता देगा, जिसमें घोषित आतंकवादी संगठन के सदस्य मंत्री हैं?"
दिग्विजय सिंह के इन बयानों की काफी चर्चा हो रही है।
आरोप
"गलतफहमियां फैलाकर हिंदू-मुस्लिमों को विभाजित कर रहा है RSS"
इससे पहले दिग्विजय सिंह ने गत बुधवार को इंदौर में आयोजित सांप्रदायिक सद्भाव सम्मेलन में भी RSS प्रमुख पर निशाना साधा था।
उस दौरान उन्होंने आरोप लगाया था, "RSS संगठन झूठ और गलतफहमियां फैलाकर हिंदू और मुस्लिम समुदायों को विभाजित करने में जुटा हुआ है।"
उन्होंने कहा, "भागवत के अनुसार हिंदुओं और मुसलमानों का DNA एक है और यदि ऐसा है तो देश में लव जिहाद जैसे मुद्दे क्यों उठाए जा रहे हैं?"
पृष्ठभूमि
तालिबान ने मंत्रिमंडल में नहीं दी महिलाओं को जगह
बता दें कि अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद तालिबान ने गत मंगलवार को अपनी अंतरिम सरकार का ऐलान कर दिया।
इसमें मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद को कार्यवाहक प्रधानमंत्री और मुल्ला अब्दुल गनी बरादर को कार्यवाहक उप प्रधानमंत्री (प्रथम) बनाया गया है।
इनमें अलावा 31 अन्य मंत्री बनाए गए हैं, लेकिन मंत्रिमंडल में किसी भी महिला को जगह नहीं दी गई है। उसके इस कदम की दुनियाभर में चर्चा हो रही है।