कोरोना वैक्सीन: फरवरी में 25 देशों को 2.4 करोड़ खुराकें भेजेगा भारत, कनाडा का नाम नहीं
भारत फरवरी में 25 देशों को कोरोना वायरस वैक्सीनों की 2.4 करोड़ खुराकें भेजेगा और विदेश मंत्रालय ने इससे संबंधित प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है। मामले से संबंधित अधिकारियों ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि कमर्शियल सौदों के तहत इन खुराकों की आपूर्ति की जाएगी। जिन देशों को ये खुराकें भेजी जाएंगी, उन्हें ब्राजील, सऊदी अरब और म्यांमार समेत कई देश शामिल हैं। हालांकि इस सूची में कनाडा का नाम शामिल नहीं है।
जनवरी में भारत ने 20 देशों में भेजी थीं 1.67 करोड़ खुराकें
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी में भारत ने 20 देशों को कोरोना वैक्सीनों की लगभग 1.67 करोड़ खुराकें भेजी थीं। इनमें से 63 लाख खुराकें बांग्लादेश, म्यांमार, भूटान, मालदीव, नेपाल, अफगानिस्तान, श्रीलंका, बहरीन, ओमान, बारबाडोस और डोमिनिका समेत 13 देशों को मुफ्त में दी गई थीं। वहीं एक करोड़ से थोड़ी अधिक खुराकें कमर्शियल समझौतों के तहत ब्राजील, मोरक्को और दक्षिण अफ्रीका समेत सात अन्य देशों को भेजी गई थीं।
फरवरी में जनवरी के मुकाबले दोगुनी कमर्शियल खुराकें भेजेगा भारत
रिपोर्ट के अनुसार, अब विदेश मंत्रालय ने फरवरी में 25 देशों को कमर्शियल आधार पर 2.4 करोड़ खुराकें भेजने के प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है जो कमर्शियल सौदों के तहत जनवरी में भेजी गईं एक करोड़ खुराकों के दोगुने से भी अधिक हैं। जिन देशों को ये खुराकें भेजी जाएंगी, उनमें ब्राजील, सऊदी अरब, मोरक्को, म्यांमार, नेपाल, निकारागुआ, मॉरीशस, फिलीपींस, सर्बिया, संयुक्त अरब आमीरात (UAE) और कतर आदि देश शामिल हैं।
कनाडा ने मांगी थी 10 लाख खुराकें, लेकिन सूची में नाम शामिल नहीं
एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि जिन 25 देशों को फरवरी में वैक्सीन की आपूर्ति की जानी है, उनमें कनाडा शामिल नहीं है। यह चौंकाने वाली बात है क्योंकि कनाडा ने हाल ही में 10 लाख खुराकों का अनुरोध किया था। ये ऐसे समय पर भी हुआ है जब कनाडा में जस्टिन ट्रुडो के नेतृत्व वाली सरकार को खुराकों की कमी के कारण विपक्ष की आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की कोविशील्ड वैक्सीन की आपूर्ति कर रहा है भारत
बता दें कि भारत सरकार अपने यहां अब तक दो कोरोना वायरस वैक्सीनों को आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दे चुकी है। इनमें भारत बायोटेक की 'कोवैक्सिन' वैक्सीन और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की 'कोविशील्ड' वैक्सीन शामिल हैं। इनमें से कोविशील्ड की विदेशों में आपूर्ति की जा रही है। कोविशील्ड को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के जेनर इंस्टीट्यूट ने विकसित किया है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हुए ट्रायल में औसतन 70 प्रतिशत प्रभावी पाया गया था।
दुनिया की वैक्सीन फैक्ट्री है भारत
बता दें कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन उत्पादक देश है और इसे "दुनिया की वैक्सीन फैक्ट्री" कहा जाए तो गलत नहीं होगा। इस समय भारत सरकार अपनी घरेलू जरूरतों के साथ सामंजस्य बैठाते हुए बाहरी देशों को वैक्सीन की आपूर्ति करने पर ध्यान दे रही है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरी दुनिया को भरोसा दे चुके हैं कि वैक्सीन उत्पादन की भारत की क्षमता का उपयोग मानवता के भले के लिए होगा।