कोरोना वैक्सीनेशन अभियान: शनिवार सुबह देश को संबोधित करेंगे प्रधानमंत्री मोदी- रिपोर्ट
क्या है खबर?
'हिंदुस्तान टाइम्स' की रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीनेशन अभियान की शुरूआत करने के बाद शनिवार सुबह देश को संबोधित करेंगे।
कोरोना वायरस महामारी के दौरान कई बार देशवासियों को संबोधित कर चुके प्रधानमंत्री मोदी पहली बार वैक्सीनेशन को लेकर देश को संबोधित करेंगे।
इससे पहले उन्होंने आखिरी बार अक्टूबर में देश को संबोधित किया था और त्योहारों का मौसम शुरू होने से पहले लोगों को नियमों का पालन करने को लेकर आगाह किया था।
वैक्सीनेशन अभियान
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए वैक्सीनेशन का शुभारंभ करेंगे प्रधानमंत्री
बता दें कि शनिवार से शुरू हो रहे कोरोना वैक्सीनेशन अभियान का प्रधानमंत्री मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शुभारंभ करेंगे। ये कार्यक्रम सुबह 9-10 बजे के आसपास होगा और इसके बाद देशभर के लगभग 3,000 केंद्रों पर 100-100 स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन लगाई जाएगी।
अधिकारियों के अनुसार, अन्य बीमारियों के वैक्सीनेशन के लिए आरक्षित दिनों के अलावा बाकी सभी दिन सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक कोरोना की वैक्सीन लगाई जाएंगी।
वैक्सीनेशन
सबसे पहले स्वास्थ्यकर्मियों को लगाई जाएगी वैक्सीन
गौरतलब है कि कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीनेशन अभियान में सरकार का लक्ष्य जुलाई तक 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाना है।
इसमें सबसे पहले एक करोड़ स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन लगाई जाएगी और इसके बाद पुलिसकर्मियों और सफाई कर्मचारियों समेत महामारी के खिलाफ अग्रिम मोर्चे पर तैनात लगभग दो करोड़ कर्मचारियों को खुराक दी जाएगी।
केंद्र सरकार इन सभी लोगों को मुफ्त में वैक्सीन लगाने का ऐलान कर चुकी है।
अन्य लोग
स्वास्थ्यकर्मियों और कर्मचारियों के बाद बुजुर्गों को लगाई जाएगी वैक्सीन
स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चे पर खड़े अन्य कर्मचारियों को वैक्सीन लगाने के बाद 50 साल से अधिक उम्र के लोगों को कोरोना वैक्सीन की खुराक दी जाएगी। इसके बाद 50 से कम उम्र के ऐसे लोग जो किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं, उनका नंबर आएगा और उन्हें वैक्सीन लगाई जाएगी। सबसे अंत में युवा और स्वस्थ लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी।
वैक्सीन लगवाना अनिवार्य नहीं होगा, बल्कि यह लोगों की स्वेच्छा पर निर्भर करेगा।
मंजूरी
इन दो वैक्सीनों को दी गई है आपातकालीन उपयोग की मंजूरी
बता दें कि भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सिन को आपातकालीन उपयोग की मंजूरी मिल चुकी है।
कोविशील्ड को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने विकसित किया है और इसे 70 प्रतिशत प्रभावी पाया गया है।
वहीं कोवैक्सिन को भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के साथ साझेदारी में विकसित किया गया है। इसका तीसरे चरण का ट्रायल अभी जारी है।
दोनों वैक्सीनों की लाखों खुराकें देश के कई केंद्रों पर पहुंच चुकी हैं।
वैक्सीनेशन
शुरुआत में लोगों के पास नहीं होगा वैक्सीन चुनने का विकल्प
सरकार साफ कर चुकी है कि वैक्सीनेशन के शुरूआती दौर में लोगों के पास वैक्सीन चुनने का विकल्प नहीं होगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने इसकी जानकारी देते हुए कहा था कि शुरू में लोगों के पास ये चुनने का विकल्प नहीं होगा कि उन्हें कोवैक्सिन लगाई जाएगी या कोविशील्ड।
इसका मतलब है कि अगर लोगों को कोवैक्सिन या कोविशील्ड लगाई जाती है तो उन्हें वह लगवानी होगी और उनके पास इसका विकल्प नहीं होगा।