
उत्तर प्रदेश में अकेले चुनाव लड़ेगी बसपा, सरकार बनने पर मुफ्त लगाई जाएगी वैक्सीन- मायावती
क्या है खबर?
बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती आज बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि उनकी पार्टी आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में किसी के साथ गठबंधन नहीं करेगी और अकेले चुनाव लड़ेगी।
इसके अलावा उन्होंने उत्तर प्रदेश में बसपा की सरकार बनने पर सभी लोगों को मुफ्त में कोरोना वायरस की वैक्सीन लगाए जाने का वादा भी किया। उन्होंने 16 जनवरी से देशभर में कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीनेशन शुरू करने के केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत भी किया।
प्रेस कॉन्फ्रेंस
चुनावों में बसपा की जीत तय- मायावती
आज अपना 65वां जन्मदिन मना रहीं मायावती ने इस मौके पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा, "आगामी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड विधानसभा चुनावों में बसपा किसी भी राजनीतिक पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेगी। पार्टी इनमें अपने दम पर चुनाव लड़ेगी। इन चुनावों में बसपा की जीत तय है।"
इस दौरान किसान आंदोलन पर अपनी राय रखते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को किसानों की बात मान लेनी चाहिए।
मांग
केंद्र और राज्य से की सभी को मुफ्त वैक्सीन लगाने की मांग
कोरोना वायरस वैक्सीनेशन के बारे में बात करते हुए मायावती ने 16 जनवरी से देशभर में वैक्सीनेशन शुरू करने के केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत किया और उससे और राज्य सरकार से सभी लोगों को मुफ्त में वैक्सीन लगाने का अनुरोध भी किया।
उन्होंने ऐलान किया कि अगर आगामी विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में बसपा की सरकार बनती है तो राज्य के हर नागरिक को मुफ्त में कोरोना वैक्सीन लगाई जाएगी।
समाजवादी पार्टी
अखिलेश यादव भी कर चुके हैं फ्री वैक्सीन लगाने का वादा
बता दें कि इससे पहले समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव भी अपनी सरकार पर बनने पर उत्तर प्रदेश के सभी लोगों को मुफ्त में वैक्सीन लगाने का ऐलान कर चुके हैं।
इस महीने की शुरूआत में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था कि वह भाजपा की वैक्सीन पर भरोसा नहीं कर सकता और जब सपा की सरकार आएगी तो सभी लोगों को मुफ्त में वैक्सीन लगाई जाएगी।
विधानसभा चुनाव
उत्तर प्रदेश में अगले साल होने हैं विधानसभा चुनाव
बता दें कि उत्तर प्रदेश में अगले साल 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं और इन चुनाव में मुख्य मुकाबला भाजपा, सपा और बसपा के बीच माना जा रहा है।
जहां सपा और बसपा भाजपा को लगातार दूसरी जीत दर्ज करने से रोकना चाहेंगे, वहीं योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा अपने पिछले शानदार प्रदर्शन को दोहराना चाहेगी।
राज्य की कुछ सीटों पर कांग्रेस का भी असर है, लेकिन वह राज्य में एक बड़ी ताकत नहीं रह गई है।
जानकारी
लोकसभा चुनाव में हार के बाद से तल्ख हैं सपा और बसपा के रिश्ते
बता दें कि मायावती 2019 लोकसभा चुनाव में सपा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ी थीं, हालांकि इससे उन्हें अधिक फायदा नहीं हुआ और चुनाव के बाद उन्होंने ये गठबंधन तोड़ लिया। इसी के बाद से दोनों पार्टियों के बीच रिश्ते तल्ख बने हुए हैं।