बुलंदशहर हिंसाः जांच के लिए SIT गठित, शहीद इंस्पेक्टर के परिजनों को 50 लाख की मदद
उत्तर प्रदेश (UP) के बुलंदशहर में सोमवार को हुई हिंसा के बाद पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है। हिंसा में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार शहीद हो गए, वहीं एक और नागरिक की मौत हो गई थी। पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार और चार लोगों को हिरासत में लिया है। इसके अलावा 27 नामजद और 60 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने मुख्य आरोपी योगेश राज को गिरफ्तार कर लिया है।
मामले की जांच के लिए SIT का गठन
मेरठ जोन के ADG प्रशांत कुमार ने बताया कि मामले की जांच के लिए विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया है। SIT पता लगाएगी कि हिंसा क्यों हुई और पुलिस इंस्पेक्टर को अकेला क्यों छोड़ा गया था। आरोपियों की धरपकड़ के लिए पुलिस की छह टीमों ने 22 जगहों पर छापेमारी की। घटना के बाद इलाके में रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) की पांच कंपनियां तैनात की गई हैं और हर गुजरने वाले वाहन की जांच की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने 48 घंटों में मांगी जांच रिपोर्ट
UP के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुलंदशहर में हुई हिंसा पर दुख व्यक्त किया है और इंस्पेक्टर सुबोध कुमार के परिवार को कुल Rs. 50 लाख की मदद की घोषणा की है। उन्होंने शहीद इंस्पेक्टर के आश्रित परिवार को असाधारण पेंशन तथा परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का भी ऐलान किया है। मामले पर कड़ा रूख अपनाते हुए उन्होंने पुलिस के डीजी इंटेलिजेंस से दो दिनों में रिपोर्ट देने को कहा है।
गोकशी के शक पर भड़की थी हिंसा
सोमवार को बुलंदशहर के स्याना थाना क्षेत्र में गोकशी के शक में विरोध शुरू हुआ था। इसकी शिकायत मिलने पर सुबोध कुमार पुलिसबल के साथ मौके पर पहुंच गए थे। मामले को शांत करने की कोशिश की जा रही थी, तभी भीड़ पुलिस चौकी पर पहुंच गई और जाम लगा दिया। उग्र भीड़ को हटाने के लिए पुलिस ने गोलीबारी की, जिसके बदले में भीड़ में से किसी ने गोली चलाई, जो इस्पेक्टर के सिर पर लगी।
गोली लगने से हुई इंस्पेक्टर की मौत
इंस्पेक्टर की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि सुबोध कुमार की मौत सिर में गोली लगने से हुई। गोली उनकी बायीं आंख में लगी थी। गोली लगने के बाद भी भीड़ उन्हें डंडो और लाठियों से पीटती रही। उनके शरीर पर, घुटने, कमर, कंधे और पीठ पर डंडो की मार के निशान पाए गए हैं। बता दें, सुबोध कुमार दादरी में हुए अखलाक हत्याकांड की जांच करने वाले अधिकारियों में शामिल रहे थे।
इस खबर को शेयर करें