अब मोबाइल ऐप के सहारे अपराधियों को पकड़ेगी उत्तर प्रदेश पुलिस
उत्तर प्रदेश पुलिस अब स्मार्ट होने जा रही है। पुलिस अपराधियों को पकड़ने के लिए अब 'त्रिनेत्र' ऐप का सहारा लेगी। इसमें लगभग पांच लाख अपराधियों के डाटा और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) के अलावा फेस रिकग्नेशन जैसे फीचर हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस प्रमुख ओपी सिंह ने लखनऊ में सालाना पुलिस सप्ताह के दौरान इस ऐप को लॉन्च किया। यह डाटाबेस राज्य पुलिस, जेल विभाग और रेलवे पुलिस में दर्ज आपराधिक मामलों को मिलाकर तैयार किया गया है।
ऐप की मदद से जान पाएंगे अपराधी का पूरा रिकॉर्ड
ऐप बनाने वाले एक अधिकारी ने बताया कि ऐप में फेस रिकग्नेशन, टेक्स्ट सर्च, बायोमेट्रिक रिकॉर्ड, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस जैसी सुविधाएं दी गई हैं। इससे पुलिस को तुरंत सारी जानकारियां मिल सकेंगी। अधिकारी ने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से पुलिसकर्मी चेहरा और फोटोग्राफ, पुरानी FIR, फिंगप्रिंट स्कैन और वॉइस सैंपल आदि ऐप पर डालकर किसी अपराधी का पूरा आपराधिक इतिहास पता कर पाएंगे। साथ ही यह भी पता लगा पाएंगे कि कोई अपराधी किस गैंग से जुड़ा हुआ है।
इस वजह से तैयार की गई है ऐप
ऐप के बारे में बात करते राज्य के पुलिस प्रमुख ओपी सिंह ने कहा, "इस ऐप में राज्य के 5 लाख अपराधियों का डाटाबेस है। इससे पुलिसकर्मियों को तुरंत आपराधिक फाइलों और डोजियर की जानकारी मिल सकेगी। इस ऐप को मामलों के जल्दी निपटारे और पीड़ितों को जल्दी न्याय दिलाने के मकसद से बनाया गया है।" उन्होंने कहा कि एक खास टीम इस ऐप को अपडेट करते रहने का काम सौंपा गया है।
सभी थानाध्यक्षों के पास होगी 'त्रिनेत्र'
अभी तक इस ऐप को वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को ही उपलब्ध कराया गया है। धीरे-धीरे इस राज्य के सभी थानाध्यक्षों के स्मार्टफोन में यह ऐप इंस्टाल की जाएगी। इसके लिए खास पासवर्ड रखा गया है, जिसकी मदद से इस ऐप को इस्तेमाल किया जा सकेगा।