विदेश दौरे से वापस आने के बाद अरुण जेटली के घर पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी, दी श्रद्धांजलि
क्या है खबर?
विदेश दौरे से वापस लौटे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार सुबह भारतीय जनता पार्टी के दिवंगत नेता और अपने मित्र अरुण जेटली को श्रद्धांजलि अर्पित की।
उन्होंने जेटली की पत्नी संगीता जेटली, पुत्री सोनाली जेटली और बेटे रोहन जेटली से बात करते हुए अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं।
वह करीब 40 मिनट तक जेटली के घर रुके।
उनसे पहले गृह मंत्री अमित शाह भी जेटली के घर पहुंचे। गेट पर उन्होंने ही प्रधानमंत्री मोदी की आगवानी की।
विदेश दौरा
तीन देशों के दौरे पर थे प्रधानमंत्री मोदी
मोदी तीन देशों, संयुक्त अरब अमीरात (UAE), बहरीन और फ्रांस, के दौरे पर थे।
फ्रांस में हो रहे G7 सम्मेलन के इतर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ बैठक करने के बाद वह आज सुबह भारत पहुंचे थे।
24 अगस्त को जेटली के देहांत के समय वह UAE में थे।
तब उन्होंने ट्वीट करते हुए जेटली को श्रद्धांजलि दी थी।
उन्होंने जेटली के परिवार से भी बात की थी, जिन्होंने उनसे दौरा बीच में न छोड़ने की अपील की थी।
भावुक
बहरीन में जेटली को याद कर भावुक हो गए थे प्रधानमंत्री मोदी
बहरीन में भारतीय समुदाय के एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी जेटली को याद करते हुए भावुक हो गए थे।
उन्होंने कहा था, "मैं कल्पना नहीं कर सकता हूं कि मैं इतना दूर यहां बैठा हूं और मेरा एक दोस्त चला गया। कुछ दिन पहले हमारी पूर्व विदेश मंत्री बहन सुषमा जी चली गईं। आज मेरा दोस्त अरुण चला गया। मैं आज बहरीन की धरती से भाई अरुण को आदरपूर्वक श्रद्धांजलि देते हूं। उनको नमन करता हूं।"
बीमारी
लंबे समय से बीमार थे जेटली
मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में कई मंत्रालयों का प्रभार संभालने वाले जेटली लंबे समय से बीमार चल रहे थे।
पिछले साल उनका किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था और इस साल जनवरी में वह इलाज के लिए अमेरिका भी गए थे। उन्हें डायबिटीज भी थी।
9 अगस्त को सांस लेने में हो रही तकलीफ के बाद उन्हें AIIMS में भर्ती कराया गया था।
इस बीच डॉक्टर अपनी ओर पूरी कोशिश करते रहे, लेकिन उनकी सेहत में कोई सुधार नहीं आया।
दोस्ती
बहुत पुरानी थी मोदी और जेटली की दोस्ती
प्रधानमंत्री मोदी और जेटली 40 साल तक राजनीति में साथ रहे और इस दौरान अच्छे दोस्त बन गए।
जेटली ने हर मुसीबत के समय मोदी का साथ दिया।
गुजरात दंगों के समय उन्होंने ही मोदी का केस लगा था।
2014 लोकसभा चुनाव से पहले उन्हें गुजरात से दिल्ली लाने में भी जेटली की अहम भूमिका थी।
मोदी को भी उन पर पूरा भरोसा था, इसलिए उन्हें कई अहम मंत्रालयों का जिम्मा दिया गया।