लापरवाही के चलते हुआ झांसी अग्निकांड? आग बुझाने वाला यंत्र था खराब, अलार्म भी नहीं बजा
उत्तर प्रदेश के झांसी में महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में 15 नवंबर की रात भीषण आग लगने से 10 बच्चों की मौत हो गई है। इस दौरान कई बच्चे बुरी तरह झुलस गए और करीब 39 बच्चों को बचा लिया गया। ये सभी बच्चे अस्पताल के नवजात शिशु गहन चिकित्सा कक्ष (NICU) में भर्ती थे। हादसे के पीछे शॉर्ट सर्किट को वजह बताया जा रहा है, लेकिन अब कई लापरवाहियां भी सामने आ रही हैं।
4 साल पहले एक्सपायर हो चुका अग्निशामक यंत्र
आग लगने के बाद भी फायर अलार्म नहीं बजा। अगर समय रहते अलार्म बज जाता तो संभवत: इतनी बड़ी घटना होने से रोकी जा सकती थी। इसके अलावा वार्ड में रखे आग बुझाने वाले यंत्र (फायर एक्सटिंग्विशर) भी किसी काम के नहीं थे। एक यंत्र पर साल 2019 की फिलिंग डेट है और एक्सपायरी 2020 की है। यानी आग बुझाने वाला यंत्र 4 साल पहले ही एक्सपायर हो चुका था।
आने-जाने के लिए था एक ही रास्ता
बच्चों को जिस NICU में रखा गया था, इसके 2 हिस्से थे। अंदर की तरफ एक क्रिटिकल केयर यूनिट थी। यहीं पर सबसे ज्यादा बच्चों की मौत हुई, क्योंकि बाहर आने और अंदर जाने के लिए एक ही रास्ता था। इस वजह से अंदर के हिस्से से बच्चों को नहीं बचाया जा सका। कलेक्टर अविनाश कुमार ने भी कहा कि बाहर के हिस्से वाले बच्चे बचा लिए गए, लेकिन अंदर के हिस्से वाले बच्चे काफी झुलस गए।
फरवरी में हुआ था फायर सेफ्टी ऑडिट
फरवरी में मेडिकल कॉलेज का फायर सेफ्टी ऑडिट किया गया था। जून में आग से निपटने के लिए मॉक ड्रिल भी की गई थी। इसके बावजूद आग पर काबू नहीं पाया जा सका। दमकल की गाड़ियां भी करीब 20 मिनट के बाद मेडिकल कॉलेज पहुंची। रिपोर्ट्स के मुताबिक, शुरुआत में सिर्फ दमकल की 2 गाड़ियां भेजी गई थीं, जो आग को काबू करने के लिए नाकाफी थी। हालांकि, बाद में 4 और गाड़ियां भेजी गईं।
नर्स की लापरवाही भी आई सामने
आज तक से बात करते हुए एक प्रत्यक्षदर्शी भगनाव दास ने कहा कि नर्स ने ऑक्सीजन सिलेंडर का पाइप जोड़ने के लिए माचिस की तीली जलाई, जिससे आग लग गई। भगवान दास के मुताबिक, "बच्चों के वार्ड में एक ऑक्सीजन सिलेंडर के पाइप को लगाने के लिए नर्स ने माचिस की तीली जलाई। जैसे ही तीली जली पूरे वार्ड में आग लग गई।" आग लगते ही भगवान दास ने अपने गमछे में लपेटकर 3 से 4 बच्चों को बचाया।
घटना के बाद से अब तक क्या-क्या हुआ?
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अस्पताल पहुंचकर पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। प्रधानमंत्री राहत कोष से मृत बच्चों के परिजनों को 2 लाख और घायलों को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने भी परिजनों को 5 लाख और घायलों के परिजन को 50,000 रुपये मुआवजे का ऐलान किया है। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने वार्ड का निरीक्षण किया। हादसे की 3 जांच होगी। एक स्वास्थ्य विभाग, दूसरी पुलिस प्रशासन और तीसरी मजिस्ट्रेट स्तर पर होगी।