राजकोट अग्निकांड: गेम जोन का मालिक कोर्ट में हंसा, बोला- ऐसे हादसे होते रहते हैं
गुजरात में राजकोट के TRP गेम जोन में हुए भीषण अग्निकांड ने जहां पूरे देश को स्तब्ध कर दिया है, वहीं इसके मालिक के चेहरे पर कोई शिकन नहीं है। हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, विशेष सरकारी वकील तुषार गोकानी ने बताया कि गिरफ्तार 4 आरोपियों में 3 को कोर्ट में पेश किया गया। ये सभी मिल-जुलकर गेम जोन चला रहे थे। इनमें से युवराज सोलंकी ने कोर्ट के सामने रोने का नाटक किया और पछतावे का दिखावा किया।
गिरफ्तार 3 आरोपियों को 2 हफ्ते की पुलिस हिरासत में भेजा गया
तुषार गोकानी ने बताया कि रोने के 5 मिनट बाद सोलंकी हंसने लगा और कोर्ट से काफी बहस की। इस दौरान उसने कहा कि कोर्ट ने जिस बात का संज्ञान लिया है, वो चीजें होती रहती हैं। गोकानी का कहना है कि तीनों आरोपियों को 2 हफ्ते की पुलिस हिरासत में भेजा गया है। हिरासत में इनसे सच्चाई जानने की कोशिश की जाएगी क्योंकि ये किसी भी सवाल का जवाब नहीं दे रहे और जांच में सहयोग नहीं कर रहे।
7 लोग मिलकर चला रहे थे गेम जोन
रिपोर्ट के मुताबिक, गेम जोन का संचालन रेसवे एंटरप्राइज के साझेदार युवराजसिंह सोलंकी, राहुल राठौड़ और मनोरंजन केंद्र के प्रबंधक नितिन जैन, धवल कॉर्पोरेशन के मालिक धवल ठक्कर, अशोक सिंह जडेजा, किरीट सिंह जडेजा, प्रकाशचंद हिरण कर रहे थे। पुलिस ने अभी तक सोलंकी, नितिन जैन और राहुल राठौड़ को पुलिस हिरासत में भेजा है। चौथे आरोपी धवल ठक्कर को पुलिस ने राजस्थान से रविवार को गिरफ्तार किया है। मामले में अभी अशोक जडेजा, प्रकाशचंद और किरीट सिंह फरार हैं।
क्या है मामला?
राजकोट में शनिवार शाम लगभग 4 बजे एक TRP गेमिंग जोन में आग लगने से 35 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें 12 बच्चे भी शामिल रहे। गर्मियों की छुट्टी और शनिवार को वीकेंड डिस्काउंट के तहत 99 रुपये की टिकट मिलने के कारण हादसे के समय गेमिंग जोन पूरा भरा हुआ था। अधिकारियों के अनुसार, पीड़ितों के शव इतनी बुरी तरह जल गए हैं कि उनकी पहचान करना नामुमकिन है और DNA टेस्ट कराकर उनकी पहचान की जाएगी।
गुजरात हाई कोर्ट ने लिया है स्वतः संज्ञान
घटना के बाद रविवार को गुजरात हाई कोर्ट ने मामले का स्वतः संज्ञान लिया और राजकोट नगर निगम को नोटिस जारी कर पूछा था कि ऐसे गेमिंग जोन किस कानून के तहत संचालित हो रहे हैं और क्या इनके पास अग्नि सुरक्षा समेत अन्य चीजों के अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) हैं। नगर निगम ने कोर्ट को बताया कि ऐसे 2 गेमिंग जोन बिना अनिवार्य प्रमाणपत्रों के पिछले 24 महीने से राजकोट में चल रहे हैं और उससे अनुमति नहीं ली गई।