मंदिर विशेष: यहां जानें दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर से संबंधित सारी बातें
क्या है खबर?
दिल्ली का अक्षरधाम मंदिर भारत का एक प्रसिद्ध मंदिर है जो यमुना नदी के तट पर स्थित है।
भगवान स्वामीनारायण को समर्पित यह मंदिर हिंदू धर्म और प्राचीन संस्कृति को दर्शाता है।
खास बात तो यह है कि इस मंदिर का नाम दुनिया के सबसे बड़े हिंदू मंदिर के रूप में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है।
मंदिर में स्वामीनारायण की विशाल मूर्ति के साथ-साथ भारत के 20,000 दिव्य महापुरूषों की मूर्तियां भी स्थापित हैं।
इतिहास
भारतीय सांस्कृतिक पहलुओं को दर्शाती है अक्षरधाम की हर चीज
अक्षरधाम मंदिर बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्थान (BAPS) द्वारा निर्मित है।
इस मंदिर को आधिकारिक तौर पर 6 नवंबर, 2005 को खोला गया था।
दिल्ली में बना अक्षरधाम मंदिर भारत का प्रमुख आकर्षण का केंद्र है, जिसमें 141 फीट ऊंचे, 350 फुट लंबे और 315 फीट चौड़े स्मारक हैं। मंदिर में नक्काशीदार दीवारें और अच्छी वास्तुकला की छत हैं।
यह कहना बिल्कुल भी गलत नहीं होगा कि यहां की हर चीज भारतीय सांस्कृतिक पहलुओं के बारे में बताती हैं।
जानकारी
इस तरह से किया गया है अक्षरधाम का निर्माण
अक्षरधाम मंदिर के निर्माण में भारतीय वास्तुकला की तमाम प्राचीन शैलियों का इस्तेमाल किया गया है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मंदिर के निर्माणकर्ताओं ने शिल्प शास्त्रों के मानदंडों का पालन कर मंदिर के निर्माण के दौरान किसी भी तरह के स्टील और कंक्रीट का इस्तेमाल नहीं किया है।
अक्षरधाम का पूर्ण निर्माण गुलाबी राजस्थानी बलुआ पत्थर और इतालवी करारा संगमरमर से किया गया है। इसी वजह से यह मंदिर पर्यटकों को आकर्षित लगता है।
खूबी
अक्षरधाम का प्रसिद्ध फाउंटेन शो
अक्षरधाम जाकर भी आपने यहां का लेजर शो नहीं देखा तो समझ जाइए कि आपकी यात्रा अधूरी है।
दरअसल, 24 मिनट तक चलने वाले इस शो में वाटर प्रोजेक्शन, म्यूजिक, फायर, लेजर, एनिमेशन और टेक्नोलॉजी की मदद से एक ऐसा शानदार शो तैयार किया जाता है जिसको देखना तो बनता ही है।
आनंद वाटर शो के नाम से प्रसिद्ध इस शो को जो भी देखता है वो एक टक इसको ही देखता रह जाता है।
खूबी
पर्यटकों की पसंदीदा बोट राइडिंग
अगर आप कभी भी अक्षरधाम मंदिर में जाएं तो वहां नाव की सवारी करना न भूलें क्योंकि यह बोट राइड संस्कृति और विरासत के पुराने पन्नों से परिचित करवाती है।
बोट राइडिंग के दौरान पर्यटक उस तक्षशिला को देख सकते हैं जो दुनिया का पहली यूनिवर्सिटी थी।
इसके अलावा, बोट राइडिंग के दौरान आप वैदिक काल की प्रसिद्ध शख्सियतों को देखते हुए मध्य युग से भी परिचित हो सकते हैं।
अन्य आकर्षण
अक्षरधाम में पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने वाली जगहें
नारायण सरोवर: नारायण सरोवर को अक्षरधाम मंदिर के केंद्र के बिल्कुल आसपास बनाया गया है। सरोवर में 151 पवित्र नदियों और झीलों का पानी शामिल है।
नीलकंठ दर्शन नामक थियेटर शो: यह शो बड़े पैमाने पर आयोजित किया जाता है, जिसमें नीलकण्ठ नामक एक योगी की कथा के माध्यम से भारत की जानकारी दी जाती है और देश की संस्कृति और आध्यात्मिकता के माध्यम से जीवन के बारे में बताया जाता है।
समय और शुल्क
मंदिर प्रवेश, प्रदर्शनी और वाटर शो का समय और टिकट शुल्क
प्रवेश का समय: सुबह 9:30 बजे से 6:30 बजे तक (सोमवार बंद)।
प्रदर्शनी का समय: 10:30 बजे से शाम 6:00 बजे तक।
प्रदर्शनी टिकट शुल्क: 5-21 वर्ष के लिए टिकट 100 रूपये, वयस्कों के लिए 170 रूपये और वरिष्ठ नागरिको के लिए 125 रूपये का है।
अक्षरधाम मंदिर वाटर शो टाइमिंग: शाम 7:45 बजे से शुरू।
वाटर शो टिकट शुल्क: 5-21 वर्ष के लिए 50 रूपये, वयस्कों के लिए 80 रूपये और वरिष्ठ नागरिको के लिए 80 रूपये का है।
अहम जानकारी
अक्षरधाम मंदिर जाने से पहले इन बातों पर जरूर गौर फरमाएं
1) अक्षरधाम मंदिर के परिसर के अंदर किसी भी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक वस्तु ले जाना वर्जित है इसलिए अपने साथ मोबाइल फोन या कैमरा आदि उपकरण न लेकर जाएं।
2) मंदिर के आस-पास पर्याप्त पार्किंग स्थान उपलब्ध है, इसलिए आप अपना वाहन लेकर भी वहां जा सकते हैं।
3) मंदिर के अंदर खाने की चीजों को ले जाना वर्जित है।
4) अंतिम और महत्वपूर्ण बात सोमवार को मंदिर बंद रहता है।