कोलकाता मामला: सुप्रीम कोर्ट CBI की रिपोर्ट से संतुष्ट, पश्चिम बंगाल सरकार को लगाई फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर की रेप के बाद हत्या के मामले में मंगलवार को फिर से सुनवाई की। इसमें मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की ओर से पेश की गई ताजा स्थिति रिपोर्ट पर संतुष्टि जताई और उसे जांच के लिए पर्याप्त समय देने की बात कही। इसी तरह कोर्ट ने विकिपीडिया को पीड़िता का विवरण हटाने का आदेश दिया।
CBI की स्थिति रिपोर्ट पर कोर्ट ने क्या कहा?
CBI द्वारा पेश की गई स्थिति रिपोर्ट पर कोर्ट ने कहा, "CBI क्या जांच कर रही है, इसका आज खुलासा करने से प्रक्रिया खतरे में पड़ जाएगी। CBI ने जो रास्ता अपनाया है वह सच्चाई को उजागर करने वाला है। पूर्व प्रधानाचार्य संदीप घोष और ताला थानाप्रभारी अभिजीत मंडल को गिरफ्तार कर लिया गया है। CBI ने हमारे द्वारा उठाए गए सभी मुद्दों पर प्रतिक्रिया दी है। ऐसे में उसे पूरी जांच के लिए और समय दिया जाना चाहिए।"
CBI रिपोर्ट के विवरण परेशान करने वाले- कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "CBI की रिपोर्ट में दिए गए विवरण परेशान करने वाले और चिंता का विषय हैं। कई आवश्यक चीजों का तो परीक्षण ही नहीं किया गया है।" कोर्ट ने कहा, "इस पूरे मामले में सच्चाई का पता लगाने के लिए और समय मिलना चाहिए। जांच पूरी करने के लिए अभी भी समय बाकी है। हमें CBI को हर पहलू से जांच करने और पूछताछ के लिए पर्याप्त समय देना होगा। जांच एजेंसी सो नहीं रही है।"
सुप्रीम कोर्ट ने विकिपीडिया को पीड़िता का विवरण हटाने का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने ऑनलाइन विश्वकोश विकिपीडिया को 9 अगस्त को घटी इस घटना में पीड़िता की पहचान उजागर करने वाले नाम और फोटो प्रकाशित करने पर कड़ी नाराजगी जताई। कोर्ट ने कहा, "शासन सिद्धांत यह है कि बलात्कार और हत्या के मामले में पीड़ित की पहचान किसी भी सूरत में उजागर नहीं की जा सकती है। उससे उसके और उसके परिवार के सम्मान को ठेस पहुंचती है। ऐसे में विकिपीडिया तत्काल प्रभाव से पीड़िता का पूरा विवरण हटाना होगा।"
सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार से पूछे कई सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों की सुरक्षा और उनका आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए राज्य सरकार की ओर से उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी। इस पर सरकार के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि पुरुष और महिला डॉक्टरों के लिए अलग-अलग आराम कक्ष और अतिरिक्त शौचालय बनाने सहित CCTV लगाने का काम शुरू हो गया है, जो 7-14 दिनों में पूरा हो जाएगा। इसी तरह महिला चिकित्सकों की रात में ड्यूटी लगाने पर भी रोक लगा दी गई है।
महिला डॉक्टरों को रात में ड्यूटी न लगाने पर सरकार की खिंचाई
सुप्रीम कोर्ट ने महिला डॉक्टरों को रात की शिफ्ट में ड्यूटी न लगाने के सरकार के फैसले पर कहा, "आप महिलाओं से यह नहीं कह सकते कि वे रात में काम न करें। जब भी वे काम करें, उन्हें सुरक्षा प्रदान करना आपका कर्तव्य है। महिला पायलट, रक्षाकर्मी आदि रात में काम करती हैं।" इस पर सिब्बल ने कहा कि महिला डॉक्टरों के लिए 12 घंटे ड्यूटी सीमित करने और रात्रि ड्यूटी से बचने संबंधी अपनी अधिसूचना वापस ली जाएगी।
सिब्बल ने लगाई सीधा प्रसारण रोकने की गुहार
सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट से सुनवाई का सीधा प्रसारण बंद करने की भी मांग की। उन्होंने कहा, "मेरे मुवक्किल और मेरी साख को खराब किया जा रहा है। मैं सुनवाई के दौरान कब हंस रहा था? मेरी 50 साल में कमाई इज्जत धूमिल की जा रही है, जैसे मैं पश्चिम बंगाल सरकार नहीं, बल्कि गुनाहगारों की पैरवी कर रहा हूं।" इस पर कोर्ट ने कहा कि यह जनहित का मुद्दा है। ऐसे में सीधा प्रसारण नहीं रोका जा सकता है।
सिब्बल ने कही तेजाब फेंकने की धमकी मिलने की बात
सिब्बल ने कहा, "हमें तेजाब फेंके जाने की धमकी दी जा रही है।" इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सिब्बल को आश्वस्त करते हुए कहा कि अगर वकीलों और अन्य लोगों को कोई खतरा होगा तो वह जरूर कदम उठाएगा। फिलहाल सीधा प्रसारण नहीं रोक सकते।
क्या है महिला डॉक्टर की हत्या का मामला?
9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक महिला डॉक्टर का शव मिला था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में डॉक्टर की हत्या से पहले रेप की पुष्टि हुई थी। मामले में पुलिस ने अस्पताल में आने-जाने वाले एक नागरिक स्वयंसेवक संजय रॉय को गिरफ्तार किया और उसका पॉलीग्राफ टेस्ट भी कराया गया है। फिलहाल CBI मामले की जांच कर रही है। CBI ने अब पूर्व प्रधानाचार्य डॉ घोष और थानाप्रभारी मंडल को सबूतों से छेड़छाड़ के आरोप में गिरफ्तार किया है।