सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को फटकार लगाई, 'लाडली बहना' जैसी योजनाएं बंद करने की चेतावनी
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को भूमि अधिग्रहण के एक मामले में पीड़ित पक्ष को मुआवजा न देने पर महाराष्ट्र सरकार को फटकार लगाई और उनकी 'लाडली बहना' जैसी योजना बंद करने की चेतावनी दी। लाइव लॉ के मुताबिक, कोर्ट ने कहा कि अगर राज्य सरकार जमीन खोने वाले व्यक्ति को उचित मुआवजा नहीं देती है तो वह 'लाडली बहना' जैसी योजनाओं को बंद करने और अवैध रूप से अधिग्रहित भूमि पर बने ढांचों को ध्वस्त करने का निर्देश देगी।
कोर्ट ने क्या कहा?
न्यायमूर्ति बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की पीठ ने मामले की सुनवाई की। इस दौरान न्यायमूर्ति गवई ने कहा, "कोर्ट को हल्के में मत लीजिए। आप कोर्ट के आदेश को लापरवाही से नहीं ले सकते। आपके पास लाडली बहना (योजना) के लिए पर्याप्त पैसा है।" उन्होंने कहा, "आज के अखबार में पढ़ा, सारा पैसा मुफ़्त में दिया गया, आपको जमीन के नुकसान की भरपाई के लिए थोड़ा हिस्सा देना चाहिए।" उन्होंने जवाब के लिए बुधवार का समय दिया है।
क्या है मामला?
एक याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि उसके पूर्वजों ने 1950 में पुणे में 24 एकड़ जमीन खरीदी थी, जो राज्य सरकार ने 1963 में कब्जा ली। याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से जीत हासिल की और जमीन मांगी तो सरकार ने बताया कि जमीन रक्षा मंत्रालय के आयुध अनुसंधान विकास प्रतिष्ठान संस्थान (ARDEI) को दे दी गई। सरकार ने बताया कि याचिकाकर्ता को दूसरी जमीन दी है, लेकिन वह वन भूमि थी। इसी मामले पर मुआवजा मांगा गया है।