बाबा रामदेव को भ्रामक विज्ञापन मामले में सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली, मानहानि का मामला बंद
सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन मामले में बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को राहत दी है। पतंजलि ने अपने उत्पादों के बारे में भ्रामक जानकारी देने वाले विज्ञापन के मामले में माफीनामा दिया गया था, जिसके बाद कोर्ट ने मानहानि का मामला बंद कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने पंतजलि की ओर से दायर माफीनामा को स्वीकार कर लिया है।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने क्या कहा?
न्यायमूर्ति हिमा कोहली और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि पक्षों द्वारा मांगी गई माफी को स्वीकार करते हुए अवमानना का मामला बंद किया जा रहा है। साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि कोर्ट के सभी भावी आदेशों का पालन करना चाहिए और अपने पिछले आचरण को नहीं दोहराना चाहिए। साथ ही चेतावनी दी कि अगर पतंजलि ने कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन किया तो कार्यवाही फिर से शुरू की जाएगी।
क्या है मामला?
कोरोना महामारी के दौरान पतंजलि ने कोरोनिल समेत कई दवाएं लांच कर कोरोना को ठीक करने और एलोपैथी दवाओं के खिलाफ प्रचार किया था। इसके बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने कोर्ट में पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन के खिलाफ याचिका दायर की, जिस पर पतंजलि ने नवंबर 2023 को भ्रामक विज्ञापन बंद करने की बात कही थी। लेकिन यह विज्ञापन जारी रहे, जिसके बाद कोर्ट ने फरवरी 2024 में आदेश के उल्लंघन पर मानहानि की कार्यवाही शुरू की थी।