कोलकाता डॉक्टर की रेप-हत्या: क्या है साइकोएनालिसिस टेस्ट, जिससे आरोपी की मनोवृत्ति समझना चाहती है CBI?
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 31 वर्षीय महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मामले में एक आरोपी संजय रॉय को गिरफ्तार किया गया है। फिलहाल वह केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की हिरासत में है और उससे पूछताछ की जा रही है। इसके अलावा, CBI आरोपी से वारदात के बारे में और जानकारी का पता लगाने के लिए उसका साइकोएनालिसिस टेस्ट करने की तैयारी कर रही है। आइए जानते हैं यह क्या होता है।
क्या होता है साइकोएनालिसिस टेस्ट?
किसी व्यक्ति के मानसिक, भावनात्मक और व्यवहार संबंधी गुणों और आदतों को समझने के लिए साइकोएनालिसिस टेस्ट किया जाता है। इससे किसी व्यक्ति की शख्सियत, बुद्धि, रुचियां, अभिवृत्तियां और दूसरे मनोवैज्ञानिक पहलूओं के बारे में जानने में मदद मिलती है। आसान भाषा में समझें तो इस टेस्ट के जरिए किसी शख्स की आदतों, व्यवहार, समझ और उसके दिमाग में क्या चल रहा है, इस बात का पता लगाया जाता है।
कैसे किया जाता है साइकोएनालिसिस टेस्ट?
एक साइकोएनालिसिस टेस्ट करने में करीब 3 घंटे का समय लगता है। टेस्ट के दौरान मनोचिकित्सक आरोपी से कई सवाल करते हैं। इन सवालों के जवाबों के जरिये आरोपी के दिमाग में चल रही बातों और उसकी सोच को जाना जा सकता है। जवाबों के आधार पर ही अपराध का असल मकसद पता करने की कोशिश की जाती है। आमतौर पर सवाल व्यक्ति और संबंधित घटना के इर्द-गिर्द होते हैं।
कैसे पकड़ा जाता है झूठ?
टेस्ट के दौरान वाइस एनालिसिस टूल का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। इससे जवाब देते वक्त शख्स की आवाज में आए उतार-चढ़ाव का विश्लेषण किया जाता है। इसका इस्तेमाल सच या झूठ पकड़ने में किया जाता है। खास बात है कि साइकोएनालिसिस टेस्ट के लिए CBI को कोर्ट से अनुमति नहीं लेनी होती है। हालांकि, इस टेस्ट के बाद अगर CBI को ब्रेन मैपिंग या नार्को जैसे दूसरे टेस्ट करने हों तो उनके लिए अनुमति जरूरी है।
नार्को टेस्ट से कितना अलग होता है साइकोएनालिसिस टेस्ट?
नार्को टेस्ट सच जानने की एक मेडिकल प्रक्रिया है, जिसे 'ट्रुथ सीरम टेस्ट' भी कहा जाता है। इसमें व्यक्ति के शरीर में इंजेक्शन के जरिए सोडियम पेंटोथल, सोडियम थायोपेंटल, स्कोपोलामाइन या सोडियम एमाइटल का प्रवेश कराया जाता है। यह सभी रसायन एक प्रकार का एनेस्थीसिया होते हैं, जो इंसान को कृत्रिम निद्रावस्था या लगभग बेहोशी की हालत में ले जाते हैं। इसके बाद व्यक्ति से सवाल-जवाब कर सच का पता लगाने की कोशिश की जाती है।
क्या है कोलकाता में डॉक्टर की रेप और हत्या का मामला?
9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हॉल में एक महिला डॉक्टर का शव मिला। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में डॉक्टर की हत्या से पहले रेप की पुष्टि हुई। उसकी आंख, मुंह, पैर, गर्दन, हाथ, कमर और निजी अंगों पर काफी चोटें थीं। मामले में पुलिस ने अस्पताल में आने-जाने वाले एक नागरिक स्वयंसेवक संजय रॉय को गिरफ्तार किया है। फिलहाल CBI को मामले की जांच सौंपी गई है। सुरक्षा समेत कई मांगों को लेकर डॉक्टर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं।