मणिपुर हिंसा: भाजपा विधायकों ने अपनी ही सरकार के खिलाफ प्रधानमंत्री को लिखा पत्र, फिर मुकरे
मणिपुर में पिछले एक महीने से भड़की हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। यहां लगातार अलग-अलग इलाकों में हिंसा और गोलबारी की घटनाएं जारी है। इस बीच मैतेई समुदाय के 9 भाजपा विधायकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है, जिसमें कहा गया है कि जनता का राज्य सरकार से विश्वास उठ गया है। हालांकि, राज्य सरकार पर अविश्वास जताने वाले 9 विधायकों में 8 विधायक अब अपने बयान से पलट गए हैं।
प्रधानमंत्री को लिखे ज्ञापन में भाजपा विधायकों ने क्या कहा?
प्रधानमंत्री को भेजे गए अपने ज्ञापन में भाजपा के विधायकों ने कहा, "वर्तमान में सरकार और प्रशासन पर कोई भरोसा नहीं है। जनता का मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से पूरी तरह विश्वास उठ गया है।" उन्होंने कहा, "राज्य में कानून का पालन करते हुए समुचित प्रशासन और कामकाज के लिए कुछ विशेष उपायों का सहारा लिया जा सकता है, ताकि आम जनता का विश्वास बहाल हो सके।"
किन 9 भाजपा विधायकों ने सौंपा ज्ञापन?
प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंपने वाले मणिपुर के भाजपा विधायकों में करम श्याम सिंह, राधेश्याम सिंह, निशिकांत सिंह सपम, रघुमणि सिंह, एस ब्रोजेन सिंह, टी रोबिन्द्रो सिंह, एस राजेन सिंह, एस केबी देवी और डॉ वाई राधेश्याम शामिल हैं। खास बात ये है कि अप्रैल में इन विधायकों में से करम श्याम सिंह, राधेश्याम सिंह, एस ब्रोजन सिंह और रघुमणि सिंह ने सरकार में विभिन्न प्रशासनिक और सलाहकार पदों से इस्तीफा दे दिया था।
8 विधायकों ने मारी पलटी
मंगलवार को मणिपुर हिंसा के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराने वाले 9 भाजपा विधायकों में से 8 विधायक अब 30 मैतेई विधायकों के समूह के साथ खड़े हो गए हैं, जो मुख्यमंत्री के करीबी माने जाते हैं। इनमें शामिल एक भाजपा विधायक करम श्याम सिंह ने कहा कि कुछ लोग पार्टी को विभाजित करने की कोशिश कर रहे हैं और मणिपुर के मुद्दों को हल करने के लिए सभी विधायक एकजुट हैं।
30 मैतेई विधायकों ने दिल्ली में मंत्रियों से मुलाकात की
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसी दिन 30 मैतेई विधायकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और अन्य मंत्रियों से मिले। इस प्रतिनिधि मंडल में अधिकांश भाजपा और अन्य पार्टियों के विधायक शामिल थे।
विधायकों ने केंद्रीय मंत्रियों को सौंपा ज्ञापन
केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात के दौरान 30 विधायकों ने अपने ज्ञापन में कुकी विधायकों और मैतेई विधायकों के बीच बैठक कराने का अनुरोध किया । उन्होंने कहा कि दोनों समुदायों के बीच शांति स्थापना के प्रयास होने चाहिए। इसके अलावा विधायकों ने ज्ञापन में इस बात पर भी जोर दिया है कि राज्य की अखंडता से समझौता नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने मणिपुर के सभी हिंसाग्रस्त इलाकों में केंद्रीय सुरक्षा बलों की समान तैनाती की मांग की है।
मणिपुर हिंसा में 100 से अधिक लोगों की हो चुकी है मौत
मणिपुर में पिछले डेढ़ महीने से हिंसा जारी है, जिसमें अब तक 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग बेघर हो गए हैं। मणिपुर हाई कोर्ट ने मणिपुर सरकार से गैर-आदिवासी मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा दिए जाने की याचिका पर विचार करने को कहा था। इसका कुकी आदिवासियों ने विरोध किया और उनकी एकजुटता मार्च के बाद 3 मई को हिंसा भड़क गई थी।