
#NewsBytesExplainer: फिल्मों की शूटिंग के लिए बॉलीवुड की पहली पसंद क्यों है मंडावा? जानिए इसकी खासियत
क्या है खबर?
बॉलीवुड में हर साल कई फिल्में बनती हैं और उन्हें शूट करने के लिए अलग-अलग जगहों का चयन होता है।
जहां कुछ फिल्मों के लिए सेट बनाए जाते हैं तो कुछ असली जगह पर शूट होती हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि शूटिंग के लिए राजस्थान के झुंझुनू जिले का कस्बा मंडावा बॉलीवुड की पहली पसंद है।
इतना ही नहीं यहां के लोगों का रोजी-रोटी कमाने का सबसे बड़ा जरिया शूटिंग ही है।
आइए जानते हैं मंडावा की खासियत।
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सस्ता होने के साथ खूबसूरत नजारों से भरपूर है मंडावा
मंडावा राजस्थान का एक छोटा-सा कस्बा है, जिसे दुनिया की सबसे बड़ी आर्ट गैलरी भी कहा जाता है।
यहां हवेलियों से लेकर दीवारों और छतरियों पर बनी पेंटिंग बेहद खास हैं और ऐसे में कहा जाता है कि मंडावा जैसी पेंटिंग दुनिया भर में नहीं मिलती।
यह एक सस्ती और खूबसूरत जगह है, जो लगभग 55 पुरानी हवेलियों को समेटे हुए है।
पर्दे पर मंडावा बेहद शानदार लगता है और इसलिए निर्मात यहां शूटिंग करना पसंद करते हैं।
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राजस्थान की फिल्म सिटी के नाम से है मशहूर
मंडावा के लोगों के लिए फिल्मों की शूटिंग होना उनकी कमाई का सबसे बढ़िया साधन है।
यहां खेती नहीं, शूटिंग के दौरान होने वाली कमाई से ही लोगों का घर चलता है।
कहा जाता है कि इस गांव का हर व्यक्ति फिल्मों में अभिनय कर चुका है, फिर चाहे वो कोई छोटी सी भूमिका हो या भीड़ का हिस्सा बनना हो।
इस तरह यहां का हर शख्स कलाकार है और इसलिए इसे 'राजस्थान की फिल्म सिटी' भी कहा जाता है।
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फिल्में ही नहीं म्यूजिक एल्बम भी होती हैं शूट
यूं तो राजस्थान में कई जगह घूमने के लिए मशहूर हैं, लेकिन मंडावा हिंदी सिनेमा की तरह ही यहां आने वाले हर पर्यटक की पहली पसंद है।
यहां फिल्मों की शूटिंग ही नहीं म्यूजिक एल्बम और टीवी शो को भी फिल्माया जाता है।
यहां अक्सर ही सितारे आते रहते हैं और उन्हीं को ध्यान में रखते हुए यहां उनके रहने की पर्याप्त सुविधाएं मौजूद हैं।
यह छोटा कस्बा अपनी इसी खूबसूरती की वजह से अलग पहचान बनाए हुए है।
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1989 में हुई थी पहली फिल्म की शूटिंग
मिड-डे से बातचीत के दौरान मंडावा के राजकुमार कंवर शिवर्जुन सिंह मंडावा ने बताया था कि यहां शूट की गई पहली हिंदी फिल्म 'बटवारा' (1989) थी।
उसके बाद 10 साल के अंतराल के बाद 1999 में 'कच्चे धागे' को फिल्माया गया था और यह सिलसिला अभी तक जारी है।
यहां शाही परिवार की 2 संपत्तियां, कैसल मंडावा (18वीं सदी में बना मांडवा किला, जिसे लक्जरी होटल में बदला गया है) और डेजर्ट रिजॉर्ट शूटिंग के लिए सबसे बेहतरीन स्थान हैं।
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इन फिल्मों को भी मंडावा में फिल्माया गया
मंडावा में सैंकड़ों बॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग हुई है। इनमें अजय देवगन की 'कच्चे धागे', शाहरुख खान की 'पहेली', शाहिद कपूर की 'जब वी मेट', सैफ अली खान की 'लव आज कल' और रणबीर कपूर की 'ए दिल है मुश्किल शामिल' है।
इनके अलावा आमिर खान की 'पीके', सलमान खान की 'बजरंगी भाईजान' और कृति सैनन की 'मिमी' सहित कई फिल्में इस कस्बे में शूट हुई हैं।
सरगुन मेहता की म्यूजिक वीडियो 'लारे' भी मंडावा में ही शूट हुई थी।
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सुरक्षा का रखा जाता है खास ध्यान
शूटिंग के दौरान सितारों के अलावा शाही परिवारों की सुरक्षा का भी खास ध्यान रखा जाता है।
शिवार्जुन ने बताया कि शाही परिवारों की निजता के लिए विशेष अनुमति ली जाती है और प्रबंधन सुनिश्चित करता है कि उनकी गोपनीयता सुरक्षित रहे। यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि शूटिंग के वक्त आम जनता वहां मौजूद न हो।
शिवार्जुन कहते हैं कि साल में कम से कम तीन से चार फिल्मों की शूटिंग मंडावा में हो जाती है।
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मंडावा में ठहरते हैं देश-विदेश के लोग
फिल्मों की शूटिंग के लिए पहली पसंद बना मंडावा घूमने के लिए बेहद शानदार जगह है।
यहां की सदियों पुरानी हवेलियों पर्यटकों को लुभाने में सफल रहती है और आसपास के इलाकों में घूमने वाले लोग भी इसी कस्बे में ठहरना पसंद करते हैं।
मंडावा के साथ ही देश-विदेश से आए लोग पास मौजूद चूरू, सीकर, नागौर, बीकानेर, हनुमानगढ़ और गंगानगर घूमने के लिए जाते हैं।
ऐसे में शूटिंग के बाद पर्यटन ही मंडावा की आय का दूसरा माध्यम है।
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राजस्थान के महल भी बने मेकर्स की पसंद
बॉलीवुड में कई ऐतिहासिक फिल्मों का निर्माण होता है, जिनकी शूटिंग के लिए राजस्थान के महलों को चुना जाता है।
'रामलीला' की शूटिंग उदयपुर पैलेस में हुई थी तो 'भूल भुलैया' के लिए चोमू पैलेस को चुना गया था।
इसी तरह 'बाजीराव मस्तानी' को आमेर पैलेस में शूट किया गया था, वहीं कई गानों को भी अलग-अलग महलों में फिल्माया जाता है।
'हम साथ साथ हैं' के गाने 'म्हारे हिवड़ा में नाचे मोर' को मेहरानगढ़ किले में फिल्माया गया था।