मणिपुर में देर रात को फिर हुई गोलीबारी, भीड़ ने पुलिस स्टेशन पर किया हमला
क्या है खबर?
मणिपुर में 3 मई से जारी हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। मणिपुर के बिष्णुपुर जिले के क्वाकटा और चुराचांदपुर जिले के कंगवई में शुक्रवार देर रात तक स्वचालित हथियारों से गोलीबारी हुई।
वहीं राजधानी इंफाल के विभिन्न इलाकों में भीड़ द्वारा तोड़फोड़ और आगजनी करने की घटनाएं सामने आई हैं, जिसके बाद भारतीय सेना, असम राइफल्स, रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) और मणिपुर पुलिस की संयुक्त टीम ने देर रात तक फ्लैग मार्च किया।
हिंसा
भीड़ ने थाने के शस्त्रागार में की तोड़फोड़
इंफाल पश्चिम जिले में शुक्रवार देर रात को भीड़ ने इरिंगबाम पुलिस स्टेशन पर हमला कर शस्त्रागार में तोड़फोड़ करने का भी प्रयास किया था। हालांकि, इस दौरान भीड़ हथियार चोरी नहीं कर पाई।
बतौर रिपोर्ट्स, करीब 400 लोगों ने रात करीब 11:40 बजे थाने में तोड़फोड़ की कोशिश की, जिसके बाद RAF ने भीड़ को तितर-बितर किया।
वहीं करीब 1,000 लोगों ने पैलेस कम्पाउंड के पास इमारतों को जलाने की कोशिश भी की थी।
हिंसा
मणिपुर भाजपा अध्यक्ष के घर पर हुई तोड़फोड़ की कोशिश
NDTV के मुताबिक, भीड़ ने आधी रात को इंफाल पश्चिम में भाजपा मणिपुर अध्यक्ष अधिकारमयुम शारदा देवी के आवास पर भी तोड़फोड़ करने की कोशिश की थी, लेकिन सेना और RAF ने भीड़ को ऐसा करने से रोक दिया।
वहीं उग्रवादियों की भीड़ ने भाजपा विधायक बिस्वजीत के घर पर आग लगाने की कोशिश भी की थी। मिड डे के मुताबिक, भीड़ ने सिंजेमाई में भाजपा कार्यालय को घेर लिया था, लेकिन भारतीय सेना ने उन्हें खदेड़ दिया।
घटना
विदेश राज्य मंत्री के घर में लगाई गई थी आग
उपद्रवियों ने गुरुवार देर रात इंफाल में केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री आरके रंजन सिंह के घर को आग के हवाले कर दिया था। उपद्रवी अपने साथ पेट्रोल बम लेकर आए थे और सुरक्षाकर्मी उन्हें रोक नहीं पाए थे।
गौरतलब है कि इससे पहले मंगलवार रात को इंफाल के खमेनलोक इलाके के अगिजंग गांव में हिंसा भड़ उठी थी, जिसमें 9 लोगों की मौत हो गई थी और 10 लोग घायल हुए थे।
हिंसा
मणिपुर में क्यों हो रही है हिंसा?
मणिपुर हाई कोर्ट ने मणिपुर सरकार से गैर-आदिवासी मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा दिए जाने की याचिका पर विचार करने को कहा था। इसका कुकी आदिवासियों ने विरोध किया था और 3 मई को एकजुटता मार्च निकाली थी।
इसके बाद से ही मणिपुर में दोनों समुदायों के बीच हिंसा जारी है, जिसमें अब तक 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग बेघर हो चुके हैं।