लोकसभा की सुरक्षा में चूक के बाद संसद की सुरक्षा व्यवस्था में क्या-क्या बदलाव किए गए?
बुधवार (13 दिसंबर) को लोकसभा में बैठे सांसदों को उस समय बड़ा झटका लगा, जब कार्यवाही के दौरान 2 युवक दर्शक दीर्घा से सदन में कूद पड़े और रंगीन स्प्रे छोड़ दिया। इसने संसद की सुरक्षा व्यवस्था पर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए, जिसके बाद इसकी सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। आइए जानते हैं कि घटना के बाद संसद की सुरक्षा व्यवस्था में क्या-क्या बदलाव हुए हैं या होने वाले हैं।
संसद में आगंतुकों का प्रवेश निलंबित
लोकसभा में सुरक्षा चूक के बाद सबसे पहले संसद में आगंतुकों के प्रवेश को निलंबित कर दिया गया। लोकसभा के महासचिव ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखा और अगले आदेश तक आगंतुक परमिट जारी करने की प्रक्रिया निलंबित करने को कहा। दरअसल, भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा के नाम से जारी विजिटर पास के जरिए ही आरोपी लोकसभा में दाखिल हुए थे। अधिकारियों ने कहा है कि जब भी आगंतुकों का प्रवेश शुरू होगा तो उन्हें चौथे गेट से प्रवेश मिलेगा।
आगंतुकों को 4 स्तरीय सुरक्षा प्रणाली से गुजरना होगा
आगंतुकों की सुरक्षा जांच बढ़ा दी गई है और अब उन्हें संसद में प्रवेश करने से पहले 4 स्तरीय सुरक्षा प्रणाली से गुजरना होगा। वर्तमान में आगंतुकों को 3 स्तर की सुरक्षा प्रणाली से गुजरना पड़ता है। विजिटर पास बनने से ठीक पहले संसद परिसर के प्रवेश द्वार पर जांच, नये संसद भवन के द्वार पर दूसरी जांच और दर्शक दीर्घा में प्रवेश करने से ठीक पहले तीसरी सुरक्षा जांच होती है।
सुरक्षा प्रोटोकॉल में किया गया सुधार
अधिकारियों ने सुरक्षा प्रोटोकॉल में भी सुधार किया है। दर्शक दीर्घा, जहां से 2 युवक लोकसभा में कूदे थे, उसे अब शीशों के जरिए बंद किया जाएगा। इसके अलावा दीर्घा में पहली पंक्ति को खाली रखने और दूसरी पंक्ति से आगंतुकों को बैठाने पर भी चर्चा हो रही है। हवाई अड्डों की तरह बॉडी स्कैनिंग मशीनें परिसर में स्थापित की जाएंगी, ताकि आगुंतक संसद में प्रवेश करते समय कोई भी वस्तु न छिपा सकें।
सांसदों के निजी सहायकों और कर्मचारियों की आवाजाही प्रतिबंधित
फर्स्ट पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, संसद के अधिकारियों ने यह भी कहा कि प्रमाणित पत्रकारों और स्टाफ सदस्यों को अब उन्हें सौंपे गए नए प्रवेश नियमों का सख्ती से पालन करना होगा और उन्हें कठोर सुरक्षा जांच से गुजरना होगा। इसके अलावा सांसदों के निजी सहायकों और कर्मचारियों की संसद में आवाजाही प्रतिबंधित रहेगी। इसके अलावा सदन के अंदर सुरक्षाकर्मियों की संख्या बढ़ाई जा सकती है और सांसदों की संख्या से 150 अधिक जवान तैनात किए जा सकते हैं।
जांच पैनल करेगा सुरक्षा में खामियों की जांच
गृह मंत्रालय ने लोकसभा की सुरक्षा में लगी सेंध की जांच के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के महानिदेशक अनीश दयाल सिंह के नेतृत्व में एक जांच पैनल का गठन किया है। इसमें अन्य सुरक्षा एजेंसियों के विशेषज्ञ भी शामिल हैं। जांच पैनल संसद की सुरक्षा में सेंध के कारणों की जांच करके खामियों की पहचान करेगा और आगे की कार्रवाई का सुझाव देगा। गृह मंत्रालय ने पैनल से जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है।