महिला आरक्षण विधेयक: सोनिया गांधी की मांग, जातिगत जनगणना करा OBC को आरक्षण दे सरकार
लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक को लेकर चर्चा जारी है। इस दौरान सदन में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने विधेयक का समर्थन करते हुए जल्द से जल्द जातिगत जनगणना की मांग की है। उन्होंने कहा कि विधेयक में कुछ संभावित संशोधन जरूरी हैं और जातिगत जनगणना कर अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) की महिलाओं को भी आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक को बिना देरी के जल्द लागू करना चाहिए।
क्या बोलीं सोनिया?
सोनिया ने कहा, "इस महिला आरक्षण विधेयक को फौरन अमल में लाया जाए और सरकार को इसे परिसीमन तक नहीं रोकना चाहिए। इससे पहले जातिगत जनगणना कराकर इस विधेयक में अनुसूचित जाति/जनजाति (SC/ST) और OBC महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था भी की जाए।" उन्होंने कहा, "सरकार को इस विधेयक में संशोधन के लिए जो आवश्यक कदम उठाने की जरूरत है, वो कदम तेजी से उठाए जाने चाहिए ताकि इस विधेयक की सभी रुकावटें दूर हो सकें।"
विधेयक लागू करने में देरी करना महिलाओं से नाइंसाफी होगी- सोनिया
सोनिया ने कहा, "कांग्रेस इस विधेयक का समर्थन करती है। विधेयक के पारित होने को लेकर हम खुश हैं, लेकिन हमें चिंता भी है। भारतीय महिलाएं कई सालों से अपनी राजनीतिक जिम्मेदारियों का इंतजार कर रही हैं।" उन्होंने कहा, "इस विधेयक को लागू करने में देरी करना महिलाओं के साथ घोर नाइंसाफी होगी। मैं सरकार से मांग करती हूं कि इस विधेयक को जल्द से जल्दी लागू किया जाए। ऐसा करना बहुत जरूरी है।"
सोनिया बोलीं- राजीव गांधी का अधूरा सपना होगा पूरा
सोनिया ने कहा, "पहली बार स्थानीय निकायों में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने वाला विधेयक मेरे पति राजीव गांधी लाए थे, जो राज्यसभा में 7 वोटों से गिर गया था। इसके बाद में पीवी नरसिम्हा राव की सरकार ने उसे पारित करवाया।" उन्होंने कहा, "इसी का नतीजा है कि आज हमारे पास 15 लाख चुनी हुई महिला नेता हैं, लेकिन राजीव गांधी का सपना अभी आधा ही पूरा हुआ है, यह विधेयक पारित होने से वो सपना पूरा हो जाएगा।"
महिला आरक्षण विधेयक में क्या प्रावधान हैं?
महिला आरक्षण विधेयक में लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने का प्रावधान किया गया है। इन 33 प्रतिशत में से एक तिहाई सीटें SC/ST महिलाओं के लिए आरक्षित की गई हैं। विधेयक में OBC को अलग से कोई आरक्षण नहीं दिया गया है और इसे लेकर विपक्ष ने आपत्ति जताई है। महिलाओं को ये आरक्षण 15 साल के लिए मिलेगा। संसद चाहे तो इसे और बढ़ा सकती है।
न्यूजबाइट्स प्लस
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया महिला आरक्षण की कट्टर समर्थक रही हैं। मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) की सरकार में 2010 में यह विधेयक पूर्ण बहुमत के साथ राज्यसभा में पारित भी हो गया था। हालांकि, UPA सरकार ने इस विधेयक को लोकसभा में पेश नहीं किया। इसके बाद 2014 में लोकसभा भंग होने के कारण विधेयक की मियाद भी खत्म हो गई और यह विधेयक कानून का रूप नहीं ले सका।