किसानों ने महापंचायत में दिखाई ताकत, कहा, कानून वापस होने तक जारी रहेगा आंदोलन
क्या है खबर?
पिछले साल लाए गए तीन कृषि कानूनों को विरोध कर रहे किसानों ने आज उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में महापंचायत कर अपना दम दिखाया। महापंचायत में अलग-अलग राज्यों से हजारों की संख्या में किसान शामिल हुए।
मंच से किसान नेताओं ने कहा कि कानून वापस होने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा और वो आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा का विरोध करेंगे।
किसानों ने महापंचायत में 27 सितंबर को भारत बंद करने का भी ऐलान किया है।
ऐलान
टिकैत बोले- देशभर में होंगी ऐसी पंचायतें
महापंचायत में राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव और डॉ दर्शनपाल समेत तमाम किसान नेता शामिल हुए और लोगों को संबोधित किया।
टिकैत ने कहा कि अगर सरकार को कुछ समझ आता है तो ठीक है। देशभर में ऐसी पंचायतों का आयोजन किया जाएगा। इस देश को बेचने से बचाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि अब यह मिशन उत्तर प्रदेश नहीं, मिशन भारत है। मोदी सरकार बिजली, एयरपोर्ट और रेल, सब कुछ बेचने की तैयारी कर रही है।
ऐलान
आंदोलन जारी रहने तक घर नहीं जाउंगा- टिकैत
टिकैत ने आगे कहा कि मोदी और योगी सरकार झूठी है। किसानों की आय दोगुनी नहीं हुई है और उनको गन्ने का तय भाव नहीं मिला है।
उन्होंने ऐलान किया कि जब तक सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती, तब तक दिल्ली में आंदोलन जारी रहेगा और आंदोलन जारी रहने तक वो अपने घर नहीं जाएंगे।
उन्होंने कहा कि अब संयुक्त किसान मोर्चा पूरे देश में आंदोलन करेगा। अब जिला और राज्य स्तर पर किसान मोर्चे बनाए जाएंगे।
बयान
किसान बातचीत के लिए तैयार, सरकार बुलाए- टिकैत
राकेश टिकैत ने कहा कि किसान बातचीत के लिए तैयार है और जब भी सरकार की तरफ से बुलावा आएगा, वो बातचीत के लिए जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा, "हम शहीद हो जाएंगे, लेकिन मोर्चा डटा रहेगा। हमारा आंदोलन खत्म नहीं होगा।"
किसान महापंचायत
योगेंद्र यादव बोले- धर्म के नाम पर लोगों में दरार डाली गई
महापंचायत को संबोधित करते हुए योगेंद्र यादव ने कहा कि सरकार ने गन्ने के दाम नहीं बढ़ाए, फसल बीमा के नाम पर धोखा दिया गया, दाना-दाना खरीदने का वादा पूरा नहीं हुआ, कर्जमाफी के नाम पर ढोंग किया गया और लोगों में धर्म के नाम पर दरार डाल दी गई।
वहीं मेधा पाटकर ने कहा, "हमें वोट की चोट करनी होगी। मोदी ने नोटबंदी की थी, हमें वोटबंदी करके मोदी और योगी को हराना है।"
रणनीति
10-11 सितंबर को लखनऊ में बैठक, 27 सितंबर को भारत बंद
किसान संगठनों ने 10-11 सितंबर को लखनऊ में अहम बैठक बुलाई है। इसमें राज्य और जिलों के स्तर पर मोर्चे बनाए जाने पर विचार किया जाएगा। किसान नेताओं का कहना था कि महापंचायत का आयोजन मिशन उत्तर प्रदेश की सोच के साथ हुआ था, लेकिन अब यह पूरे देश का मिशन बन गया है।
किसान संगठनों ने 27 सितंबर को भारत बंद का ऐलान किया है। पहले यह तारीख 25 सितंबर तय थी, लेकिन अब इसमें बदलाव किया गया है।
जानकारी
वरुण गांधी ने किया किसानों का समर्थन
भाजपा सांसद वरुण गांधी ने किसानों का समर्थन करते हुए सरकार से उनका दर्द समझने की अपील की है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि मुजफ्फरनगर में लाखों किसान जुटे हैं। उनके साथ सम्मानजनक तरीके से जुड़ने की जरूरत है।
ट्विटर पोस्ट
प्रियंका गांधी बोलीं- पूरा देश किसानों के साथ
किसान इस देश की आवाज हैं।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) September 5, 2021
किसान देश का गौरव हैं।
किसानों की हुंकार के सामने किसी भी सत्ता का अहंकार नहीं चलता।
खेती-किसानी को बचाने और अपनी मेहनत का हक मांगने की लड़ाई में पूरा देश किसानों के साथ है।#मुजफ्फरनगर_किसान_महापंचायत
किसान आंदोलन
किसानों के विरोध की वजह क्या है?
मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए पिछले साल सितंबर में तीन कानून लाई थी।
इनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडारण सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं।
पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिये सरकार मंडियों और MSP से छुटकारा पाना चाहती है।