उत्तर प्रदेश में कप्पा वेरिएंट के दो मामले, जानें इसके बारे में महत्वपूर्ण बातें
उत्तर प्रदेश में जिनोम सीक्वोंसिंग के दौरान कोरोना वायरस के डेल्टा और कप्पा वेरिएंट्स के मामले सामने आए हैं। लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज में 109 सैंपलों की जिनोम सीक्वेंसिंग के दौरान डेल्टा वेरिएंट के 107 और कप्पा वेरिएंट के दो मामले सामने आए। सरकार ने अपने बयान में कहा कि दोनों ही वेरिएंट राज्य के लिए नए नहीं हैं और पहले भी सामने आ चुके हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस बारे में सूचित कर दिया गया है।
कप्पा वेरिएंट के कारण चिंता करने की जरूरत नहीं- अपर मुख्य स्वास्थ्य सचिव
कप्पा वेरिएंट के बारे में सवाल पूछे जाने पर उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य स्वास्थ्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने कहा कि इसके बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है और पहले भी राज्य में इस वेरिएंट के दो मामले सामने आ चुके हैं। उन्होंने कहा, "चिता की कोई बात नहीं है। ये कोरोना वायरस का वेरिएंट है और इसका इलाज संभव है।" उन्होंने जिन जिलों में कप्पा के मामले सामने आए हैं, उनका नाम नहीं बताया।
क्या है कप्पा वेरिएंट?
डेल्टा वेरिएंट की तरह कप्पा वेरिएंट भी पहली बार भारत में पाए गए डबल म्यूटेंट वेरिएंट (B.1.167) का वंशज है। इस वेरिएंट में कुछ और म्यूटेशन हो गए जिनसे कप्पा (B.1.167.1) और डेल्टा (B.1.167.2) बने। कप्पा वेरिएंट पहली बार अक्टूबर, 2020 में भारत में सामने आया था और तभी से देश में बना हुआ है। इसकी स्पाइक प्रोटीन में भी डेल्टा की तरह E484Q और L425R नामक दो अहम म्यूटेशन शामिल हैं।
क्या अधिक संक्रामक है कप्पा वेरिएंट?
अभी तक कप्पा वेरिएंट के अधिक संक्रामक होने के कोई सबूत नहीं मिले हैं, बल्कि इसके उलट ही नतीजे देखने को मिले हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने पहले डेल्टा वेरिएंट के साथ-साथ कप्पा वेरिएंट को 'वेरिएंट ऑफ कंसर्न' की सूची में डाला था, लेकिन बाद में इसके अधिक संक्रामक होने का सबूत न मिलने पर इसके दर्जे को घटाकर 'वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट' कर दिया था। भारत में भी कप्पा को ट ऑफ कंसर्न' नहीं घोषित किया गया है।
उत्तर प्रदेश में क्या है महामारी की स्थिति?
उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के कारण खराब हुई स्थिति अब सुधर गई है। गुरूवार को यहां 112 नए मामले सामने आए और 10 मरीजों की मौत हुई। लहर के चरम पर यहां एक दिन में 38,000 से अधिक नए मामले सामने आए थे। राज्य में अभी तक कुल 17,07,044 लोगों को संक्रमित पाया जा चुका है और 22,676 मरीजों की मौत हुई है। सरकार पर मौतें और मामले छिपाने के आरोप भी लग रहे हैं।
बेहद संक्रामक है डेल्टा वेरिएंट
अगर डेल्टा वेरिएंट की बात करें तो यह बेहद संक्रामक वेरिएंट है और भारत में आई कोरोना की बेहद भीषण दूसरी लहर के पीछे इसी का हाथ था। इसे यूनाइटेड किंगडम में पाए गए अल्फा वेरिएंट से 60 प्रतिशत अधिक संक्रामक माना जा रहा है, जबकि अल्फा खुद मूल कोविड-19 वायरस से लगभग 50 प्रतिशत अधिक संक्रामक है। ये 100 से अधिक देशों में फैल चुका है और ब्रिटेन के 99 प्रतिशत नए मामलों के लिए जिम्मेदार है।