
किरेन रिजिजू के वो बयान, जिनके कारण कानूनी मंत्री के तौर पर वो विवादों में रहे
क्या है खबर?
किरेन रिजिजू से केंद्र सरकार ने कानून मंत्रालय का जिम्मा छीन लिया है और उन्हें भू-विज्ञान मंत्री की नई जिम्मेदारी सौंपी गई है। रिजिजू को रविशंकर प्रसाद की जगह जुलाई, 2021 में कानून मंत्री नियुक्त किया गया था।
दो सालों से भी कम समय के अपने कार्यकाल के दौरान रिजिजू न्यायपालिका, कॉलेजियम सिस्टम और जजों पर की गई टिप्पणियों को लेकर चर्चा में रहे।
आज उनके कुछ चर्चित और विवादित बयानों के बारे में जानते हैं।
एलियन
कॉलेजियम सिस्टम को बताया था 'एलियन'
जजों की नियुक्ति के लिए बने कॉलेजियम सिस्टम को लेकर रिजिजू ने नंवबर, 2022 में विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि जजों की नियुक्ति का कॉलेजियम सिस्टम संविधान के लिए 'एलियन' है।
उन्होंने कहा था, "मैं न्यायपालिका या न्यायाधीशों की आलोचना नहीं कर रहा हूं। मैं सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम सिस्टम से खुश नहीं हूं। कोई भी सिस्टम परफेक्ट नहीं होता और हमें हमेशा एक बेहतर सिस्टम की दिशा में प्रयास करने चाहिए।"
एंटी इंडिया
जजों को बताया था "भारत विरोधी गैंग" का हिस्सा
18 मार्च, 2023 को दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में रिजिजू ने कुछ रिटायर्ड जजों को "भारत विरोधी गैंग" का हिस्सा बता दिया था।
उन्होंने कहा था, "कुछ रिटायर्ड जज हैं, जो भारत विरोधी समूह का हिस्सा बन गए हैं। ये लोग कोशिश कर रहे हैं कि भारतीय न्यायपालिका विपक्ष की भूमिका निभाए। इसके खिलाफ एजेंसियां कदम उठाएंगी और जो लोग देश के खिलाफ काम करेंगे, उन्हें इसकी कीमत चुकानी होगी।"
संविधान
सुप्रीम कोर्ट पर लगाया था संविधान को हाईजैक करने का आरोप
रिजिजू ने दिल्ली हाई कोर्ट के एक पूर्व जज का वीडियो भी शेयर किया था, जिसमें जज कह रहे थे कि सुप्रीम कोर्ट ने संविधान को हाईजैक कर लिया है।
इस पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा था, "देश के ज्यादातर लोगों की यही राय है। उन्हें भी लगता है कि सुप्रीम कोर्ट में जनता का प्रतिनिधि होना चाहिए। सिर्फ वही लोग संवैधानिक प्रावधानों और लोगों के मत को नहीं मानते हैं, जो खुद को संविधान से ऊपर मानते हैं।"
न्यायपालिका
चुनकर न आने के लिए किया था जजों पर कटाक्ष
इसी साल दिल्ली बार एसोसिएशन के एक कार्यक्रम में रिजिजू ने कहा था कि देश में मजबूत लोकतंत्र के लिए स्वतंत्र न्यायपालिका का होना जरूरी है।
उन्होंने कहा था, "जजों को एक बार पद पर आने के बाद किसी चुनाव या सार्वजनिक तौर पर जांच का सामना नहीं करना पड़ता, यानी उन्हें आम जनता नहीं चुनती है। यही वजह है कि जनता आपको बदल भी नहीं सकती, लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि जनता आपको देख नहीं रही है।"
प्रतिनिधि
कॉलेजियम में सरकारी प्रतिनिधि के लिए लिखा था CJI को पत्र
16 जनवरी, 2023 को रिजिजू ने मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिख कॉलेजियम में सरकार के प्रतिनिधि को जगह देने की मांग की थी।
उन्होंने कहा था, "पारदर्शिता और सार्वजनिक जवाबदेही के लिए सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम को अपने पैनल में सरकार का प्रतिनिधि शामिल करना चाहिए। संविधान में कहा गया था कि जजों की नियुक्ति में जजों की भूमिका नहीं होनी चाहिए और न्यायपालिका की राय से कार्यपालिका को यह काम करना चाहिए।"
रिजिजू
रिजिजू का राजनीतिक सफर
19 नवंबर, 1981 को जन्मे रिजिजू अरुणाचल पश्चिम सीट से लोकसभा सांसद हैं। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की है।
पहली बार 2004 के लोकसभा चुनावों में उन्होंने जीत दर्ज की थी। हालांकि, 2009 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
2014 में जीत के बाद वे गृह राज्य मंत्री बनाए गए थे। 2019 में उन्होंने खेल मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार संभाला था।
रिजिजू ने 8 जुलाई, 2021 को कानून मंत्रालय का जिम्मा संभाला था।