पन्नू की हत्या की साजिश मामला: अमेरिकी जेल में बंद निखिल गुप्ता को नहीं मिली मदद
क्या है खबर?
खालिस्तानी आतंकवादी और अमेरिकी नागरिक गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश में गिरफ्तार किए गए भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता को भारत सरकार से कोई मदद नहीं मिल रही। यह खुलासा गुप्ता ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में किया।
गुप्ता ने बताया कि चेक गणराज्य से अमेरिका में उनके प्रत्यर्पण के बाद 7 महीने हो गए, लेकिन अभी तक सरकार की ओर से किसी ने संपर्क नहीं किया।
उन्होंने बताया कि उनका परिवार इस संबंध में अनुरोध कर चुका है।
दावा
विदेश मंत्रालय ने नहीं दिए परिवार के ईमेल के जवाब
न्यूयॉर्क के ब्रुकलिन में मेट्रोपॉलिटन डिटेंशन सेंटर में बंद गुप्ता ने अखबार को एक मध्यस्थ के माध्यम से साझा किए सवालों के जवाब में यह बताया, जो उनके साथ नियमित संपर्क में है।
उन्होंने बताया कि 14 जून को उन्हें प्राग से प्रत्यर्पित किया गया था, लेकिन कोई कॉन्सुलर एक्सेस नहीं मिला और न ही भारतीय दूतावास से कोई मिलने आया।
गुप्ता ने बताया कि उनके परिवार ने विदेश मंत्रालय के अधिकारियों को ईमेल लिखे, लेकिन किसी से नहीं मिले।
दावा
प्राग में 3 बार दूतावास से हुआ था संपर्क
अमेरिकी न्याय विभाग द्वारा आरोपित 53 वर्षीय गुप्ता ने बताया कि प्राग में एक साल तक हिरासत में रहने के दौरान उनका 3 बार भारतीय वाणिज्य दूतावास से संपर्क हुआ, लेकिन अमेरिका में सुविधा नहीं मिली।
गुप्ता ने अपने कथित सह-साजिशकर्ता विकास यादव के साथ सभी संबंधों से इनकार किया, जिस पर पन्नू की हत्या की साजिश रचने का आरोप है। उन्होंने अमेरिकी सबूतों को "मनगढ़ंत" बताया।
उन्होंने कहा कि वह विकास यादव नाम के किसी व्यक्ति को नहीं जानते।
साक्षात्कार
अमेरिकी सरकार के वकील पर भरोसा नहीं
गुप्ता ने कहा कि चेक गणराज्य में मुकदमा लड़ने के दौरान उनके परिवार के पैसे खर्च हो गए हैं और अब वे आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं। उन्होंने निजी वकील हटा लिया है।
उन्होंने बताया कि 30 अक्टूबर को अमेरिकी सरकार से अनुरोध के बाद उनको वकील मिला है, लेकिन उन्होंने जानकारी जुटाई कि वकील के पास ऐसे मुकदमों की विशेषज्ञता और अनुभव नहीं है।
उन्होंने कहा कि वह अच्छा वकील चाहते हैं, लेकिन खर्च वहन नहीं कर सकते।
गिरफ्तार
चेक गणराज्य में गिरफ्तार हुए थे गुप्ता
गुप्ता को एक बिजनेस ट्रिप के दौरान पिछले साल 30 जून को चेक गणराज्य के प्राग एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया गया था। वह भारत से प्राग गए थे।
पन्नू की हत्या की साजिश में शामिल होने के आरोप में अमेरिकी सरकार के अनुरोध पर चेक गणराज्य में गुप्ता को गिरफ्तार किया गया था।
अमेरिका और चेक गणराज्य के बीच द्विपक्षीय प्रत्यर्पण संधि के तहत 17 जून को गुप्ता को अमेरिका को सौंपा गया। भारत में भी जांच चल रही है।
आऱोप
गुप्ता पर क्या है आरोप?
अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, गुप्ता ने एक भारतीय सरकारी कर्मचारी के निर्देश पर पन्नू की हत्या की सुपारी दी थी। इस काम के बदले उसे एक लाख डॉलर दिए जाने थे।
गुप्ता ने अपराधियों के बीच उठने-बैठने वाले एक शख्स के जरिए एक सुपारी किलर ढूढ़ने को सुपारी दी थी। हालांकि, ये शख्स एक गुप्त अमेरिकी एजेंट था।
इस शख्स ने गुप्ता को जिस सुपारी किलर से मिलवाया, जो खुद अंडरकवर अफसर था। इससे पूरी साजिश नाकाम हो गई।
जानकारी
मंत्रालय ने काउंसर की मदद पर क्या कहा था?
जब गुप्ता प्राग में हिरासत में लिए गए थे, तब विदेश मंत्रालय ने माना था कि उन्हें काउंसलर एक्सेस के लिए 3 अनुरोध मिले थे। हालांकि, अमेरिका प्रत्यर्पण के बाद मंत्रालय ने बताया कि सरकार को काउंसलर एक्सेस के लिए कोई अनुरोध प्राप्त नहीं हुआ।