अमेरिका: यौन उत्पीड़न मामले में डोनाल्ड ट्रंप को झटका, 42 करोड़ रुपये जुर्माने का फैसला बरकरार
क्या है खबर?
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को लेखिका ई. जीन कैरोल के यौन उत्पीड़न मामले में संघील अपील कोर्ट से झटका लगा है।
कोर्ट ने सोमवार को 2023 के जूरी के फैसले को बरकरार रखते हुए ट्रंप को लेखिका के यौन उत्पीड़न और उन्हें बदनाम करने का जिम्मेदार माना और 42 करोड़ रुपये अधिक के जुर्माने का आदेश बरकरार रखा है।
बता दें कि ट्रंप ने आरोपों से इंकार किया था और इसके खिलाफ अपील की थी।
घटना
क्या है मामला?
2019 में लेखिका कैरोल के एक लेख से अमेरिका में हड़कंप मच गया था, जब उन्होंने ट्रंप पर रेप का आरोप लगाया।
लेखिका ने बताया था कि ट्रंप ने 1995 या 1996 में मैनहट्टन के बर्गडॉर्फ गुडमैन डिपार्टमेंट स्टोर के ड्रेसिंग रूम में उनके साथ रेप किया था।
कैरोल ने लेख में कथित हमले का विस्तार से वर्णन किया था, जिसके बाद तत्कालीन राष्ट्रपति ट्रंप ने व्हाइट हाउस के प्रवक्ता के माध्यम से इसका खंडन किया था।
मुकदमा
2019 में दायर हुआ था मुकदमा
लेखिका ने 2019 में पहला मुकदमा दायर किया था। उसके बाद नवंबर 2022 में मानहानि-रेप का आरोप लगाते हुए दूसरा, अलग मुकदमा दायर किया।
दूसरा मुकदमा तब दायर किया गया था, जब ट्रंप ने मुकदमों को धोखाधड़ी बताया और कहा था कि उन्हें जानकारी नहीं थी कि कैरोल कौन हैं।
सोमवार का फैसला कैरोल के दूसरे मुकदमे से जुड़ा है, जिसमें यौन उत्पीड़न के लिए लेखिका को 17.28 करोड़ और मानहानि के लिए 25.50 करोड़ रुपये देने का आदेश है।
मामले
दोनों मामले सिविल हैं न कि आपराधिक
ट्रंप को 2019 के मानहानि मामले में भी जुर्माने का आदेश दिया गया है, जिसके खिलाफ उन्होंने अपील कर रखी है।
बता दें कि दोनों मामले सिविल हैं न की आपराधिक। इसलिए जूरी कोर्ट ने ट्रंप को तकनीकी रूप से उत्तरदायी बताया है और दावों के लिए दोषी सिद्ध नहींं किया।
2024 में राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद भी ट्रंप पर मामले चल रहे हैं। इससे पहले वे 2017 से 2021 तक राष्ट्रपति थे, तब उनपर आरोप लगे थे।