बांग्लादेश की अंतरिम सरकार भारत के साथ चाहती है मजबूत संबंध, सही कदम उठाने का अनुरोध
क्या है खबर?
बांग्लादेश में विदेश मामलों के सलाहकार तौहिद हुसैन ने कहा कि अंतरिम सरकार भारत के साथ एक मजबूत संबंध चाहती है, जो पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के समय कम था।
उन्होंने पत्रकारों से कहा कि बांग्लादेश में भारत के प्रति जो जनता का असंतोष है, उसे कम करना संभव है, जिसके लिए सही द्विपक्षीय कदम उठाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि बांग्लादेश-भारत संबंधों का 'स्वर्णिम अध्याय' सरकारी स्तर पर स्पष्ट है, लेकिन यह आम जनता तक नहीं पहुंचा है।
संबंध
लोगों को महसूस हो अच्छे संबंध- हुसैन
हुसैन ने कहा कि सरकार लोगों के बीच मजबूत संबंध देखना चाहती, इसके लिए लोगों को महसूस होना चाहिए कि बांग्लादेश और भारत के बीच वास्तव में अच्छे संबंध हैं, लेकिन दुर्भाग्य से इस पहलू की कमी रही।
उन्होंने बांग्लादेश में पिछले दिनों हुई छात्र-जन क्रांति के बाद अतिश्योक्तिपूर्ण वर्णन के लिए भारतीय मीडिया की आलोचना की।
उन्होंने बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल (BIMSTEC) को दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) का विकल्प बताया।
पहल
म्यामांर में शांति बहाल होने तक BIMSTEC पूरी तरह प्रभावी नहीं हो सकता- हुसैन
हुसैन ने कहा कि म्यांमार में शांति बहाल होने तक BIMSTEC पूरी तरह से प्रभावी नहीं हो सकता है। उन्होंने जोर दिया कि बांग्लादेश फिलहाल BIMSTEC को SAARC के प्रतिस्थापन के रूप में नहीं देखना चाहता है।
उन्होंने बताया कि मुख्य सलाहकार मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस SAARC को एक क्षेत्रीय मंच के रूप में पुनर्जीवित करने के इच्छुक हैं।
बता दें कि SAARC 2016 के बाद से प्रभावी नहीं है। इसका अंतिम शिखर सम्मेलन 2014 में नेपाल में हुआ था।