स्टांप का इस्तेमाल कर भेजे गए पहले लिफाफे की नीलामी, करोड़ों रुपये में बिकने की उम्मीद
पुराने जमाने में लोग चिट्ठी या पत्र लिखकर डाक व्यवस्था से संदेश एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाते थे। इसी डाक व्यवस्था को सफल बनाने के लिए सबसे पहले 'पेनी ब्लैक' नामक स्टांप बनाया गया था। अब इसी स्टांप का इस्तेमाल करके भेजे गए पहले ज्ञात लिफाफे की नीलामी न्यूयॉर्क में होने वाली है। अनुमान है कि नीलामी में यह लिफाफा लगभग 13 से 21 करोड़ रुपये के बीच तक बिक सकता है।
कब होगी लिफाफे की नीलामी?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस लिफाफे के एक ऐतिहासिक टुकड़े की नीलामी सोथबी नीलामीघर अगले महीने यानी फरवरी में करने वाला है। इसी में पेनी ब्लैक स्टांप का पहली बार इस्तेमाल किया गया था। अधिकारियों ने अनुमान लगाया है कि इसकी कीमत 13 से 21 करोड़ रुपये तक जा सकती है। ऐसे में अगर यह लिफाफा अनुमानित कीमत पर बिकता है तो यह अब तक नीलाम किए गए डाक इतिहास के सबसे मूल्यवान टुकड़ों में से एक बन जाएगा।
2 बार भेजा गया था यह लिफाफा
जानकारी के मुताबिक, यह स्टांप लगा भेजा गया पहला लिफाफा 2 मई, 1840 को किसी ने लंदन से बेडलिंगटन में विक्टोरियन आयरन वर्क्स के 35 वर्षीय प्रबंधक विलियम ब्लेंकिंसोप जूनियर को भेजा था। जब विलियम को यह लिफाफा मिला था तो उन्होंने इस लिफाफे को उलट कर इस पर ब्रिटिश साम्राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाली तस्वीर लगा दी। इसके बाद विलियम ने 4 मई, 1840 को इस लिफाफे को कुम्ब्रिया के डाल्स्टन में अपने पिता को भेज दिया।
लिफाफे पर लिखी तारीखें क्यों जरूरी हैं?
विलियम के पिता ने इस लिफाफे को अपने पास ही रख लिया था, लेकिन इन लिफाफों के अंदर क्या लिखकर भेजा गया था, वह कहीं खो चुका है। हालांकि, इस लिफाफे पर लिखी तारीख 2 और 4 मई, 1840 महत्वपूर्ण हैं क्योंकि पेनी ब्लैक स्टांप का आधिकारिक इस्तेमाल 6 मई, 1840 से किया जाना था। सोथबी का कहना है कि लोग मई 1840 से पेनी ब्लैक स्टांप के किसी भी संस्करण को संग्रह करना चाहते हैं।
किसने बनाया था स्टांप?
पेनी ब्लैक स्टांप इंग्लैंड के शिक्षक और समाजसेवी सर रॉलैंड हिल ने बनाया था। उन्होंने उस समय महंगी डाक दरों को आसान बनाने के लिए इस स्टांप को बनाया था, जिसका भुगतान प्राप्तकर्ता द्वारा किया जाता था। इस स्टांप पर रानी विक्टोरिया की तस्वीर बनाई गई थी और 14 ग्राम के एक पत्र को केवल 1 ब्रिटिश पैसे से ब्रिटेन के अंदर कहीं भी भेजा जा सकता था। यह स्टांप पहली बार 1 मई, 1840 को जारी किया गया था।