खालिस्तानी आतंकी पन्नू के मामले में अमेरिकी कोर्ट का समन, विदेश मंत्रालय ने दिया जवाब
खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश के मामले में अमेरिका की कोर्ट द्वारा भारत सरकार को भेजे गए समन पर विदेश मंत्रालय ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "जैसा कि हमने पहले कहा है, ये पूरी तरह से अनुचित और निराधार आरोप हैं। अब जब यह विशेष मामला दर्ज हो गया है, तो इससे अंतर्निहित स्थिति के बारे में हमारे विचार नहीं बदलेंगे।"
विदेश सचिव ने आगे क्या कहा?
विदेश सचिव ने आगे कहा, "मैं आपका ध्यान इस विशेष मामले के पीछे के व्यक्ति की ओर आकर्षित करना चाहता हूं, जिसका इतिहास सर्वविदित है। यह तथ्य भी रेखांकित रखना चाहूंगा कि यह व्यक्ति जिस संगठन का प्रतिनिधित्व करता है, वह गैरकानूनी संगठन है, जिसे 1967 के गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत घोषित किया गया है। ऐसा भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को बाधित करने के उद्देश्य से राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के कारण किया गया है।"
क्या है कोर्ट के समन का मामला?
सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के प्रमुख पन्नू द्वारा अपनी हत्या की साजिश का आरोप लगाते हुए दीवानी मुकदमा दायर किया है, जिस पर अमेरिका के न्यूयॉर्क में दक्षिणी जिले की अमेरिका जिला कोर्ट ने समन जारी किया है। समन में भारत सरकार, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल, पूर्व RAW प्रमुख सामंत गोयल, RAW एजेंट विक्रम यादव और भारतीय व्यवसायी निखिल गुप्ता का नाम शामिल है। इन्हें 21 दिनों में जवाब दाखिल करने को कहा गया है।