Page Loader
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जिमी कार्टर के नाम पर हरियाणा में कार्टरपुरी गांव, क्या है कहानी?
जिमी कार्टर के नाम पर पड़ा हरियाणा के गांव का नाम कार्टरपुरी

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जिमी कार्टर के नाम पर हरियाणा में कार्टरपुरी गांव, क्या है कहानी?

लेखन गजेंद्र
Dec 30, 2024
10:32 am

क्या है खबर?

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जिमी कार्टर के निधन पर पूरी दुनिया उनको याद कर रही है। उनका निधन 100 वर्ष की आयु में रविवार को जॉर्जिया स्थित उनके पैतृक गांव प्लेन्स में हुआ है। कार्टर को याद करने वालों में हरियाणा का कार्टरपुरी गांव भी शामिल है, जो उनके नाम पर रखा गया है। इस गांव की कार्टर परिवार के साथ कई यादें हैं। कार्टर राष्ट्रपति बनने के बाद 1978 में जब भारत आए, तब वे यहां गए थे।

याद

हरियाणा के गांव से कार्टर का क्या है संबंध?

भारत में आपातकाल के बाद कार्टर पत्नी रोजलिन कार्टर के साथ 2 जनवरी, 1978 को देश की यात्रा पर आए थे। उस समय मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री थे। कार्टर दिल्ली से समय निकालकर 3 जनवरी को हरियाणा में गुरुग्राम के दौलतपुर नसीराबाद गांव गए, जहां ग्रामीणों ने उनका खुलकर स्वागत किया और उपहार भेंट किए। यह वह गांव है, जहां कार्टर की मां लिलियन ने 1960 के दशक में पीस कॉर्प्स के साथ स्वास्थ्य स्वयंसेवक के रूप में काम किया था।

नामकरण

कार्टर के सम्मान में रखा गांव का नाम 'कार्टरपुरी'

यह यात्रा इतनी सफल रही कि इसने सभी ग्रामीणों के मन में अलग छाप छोड़ी। बाद में कार्टर के सम्मान गांव का नाम 'कार्टरपुरी' कर दिया गया। जब तक कार्टर कार्यकाल में रहे, यह गांव व्हाइट हाउस के संपर्क में था। जब कार्टर ने 2002 में नोबेल शांति पुरस्कार जीता तो, कार्टरपुरी में जश्न मना था। कार्टर सेंटर के मुताबिक, गांव में 3 जनवरी को छुट्टी होती है। 1978 में कार्टर भारत आने वाले तीसरे अमेरिकी राष्ट्रपति थे।