केरल पुलिस ने टीवी चैनल एशियानेट पर मारा छापा, फर्जी खबर चलाने का है आरोप
केरल पुलिस ने टीवी चैनल एशियानेट के कोझिकोड स्थित कार्यालय की तलाशी ली है। बताया जा रहा है कि यह छापेमारी निर्दलीय विधायक पीवी अनवर की शिकायत के आधार पर की गई है। विधायक का आरोप है कि एशियानेट ने एक नाबालिग लड़की का इस्तेमाल कर फर्जी खबर प्रसारित की। दो दिन पहले ही केरल की सत्तारूढ़ पार्टी के छात्र दल स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) ने एशियानेट के कार्यालय में हंगामा किया था।
चैनल पर फर्जी खबर चलाने का आरोप
एशियानेट चैनल पर आरोप है कि उसने नशीली दवाओं के खतरे पर एक कार्यक्रम प्रसारित किया था। इसमें 14 साल की एक नाबालिग लड़की का फर्जी इंटरव्यू लिया गया था। बाद में चैनल ने आरोपों का खंडन करने के लिए नाबालिग लड़की के पिता का इंटरव्यू भी प्रसारित किया था। इसी के खिलाफ SFI के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार शाम चैनल के कार्यालय तक पैदल मार्च का आयोजन किया था, जिसके बाद कार्यकर्ता जबरन चैनल के दफ्तर में घुस गए थे।
SFI कार्यकर्ताओं ने चैनल के दफ्तर में की थी तोड़फोड़
एशियानेट की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार शाम 7.30 बजे SFI के करीब 30 कार्यकर्ता नारेबाजी करते हुए जबरन चैनल के दफ्तर में घुस गए थे। जब गेट पर तैनात सुरक्षाकर्मियों ने कार्यकर्ताओं को रोकने की कोशिश की, तो उनके साथ धक्का-मुक्की की गई। उसके बाद कार्यकर्ता दफ्तर के चौथे फ्लोर पर पहुंच गए और कर्मचारियों को धमकाया। पुलिस के आने के बाद कार्यकर्ता दफ्तर से बाहर निकले।
भाजपा ने राज्य सरकार पर साधा निशाना
चैनल पर छापे को लेकर केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने ट्विटर पर एक वीडियो साझा करते हुए पिनरई विजयन सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि केरल के मुख्यमंत्री विजयन भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों का सामना कर रहे हैं और वो पुलिस और SFI के गुंडों का उपयोग कर लोगों का ध्यान भटकाना चाहते हैं। वहीं, इससे पहले भाजपा नेता प्रकाश जावड़ेकर ने चैनल पर हमले की निंदा करते हुए सरकार से आरोपियों की तुरंत गिरफ्तारी की मांग की थी।
पत्रकार संगठनों ने घटना पर जताई थी आपत्ति
चैनल के दफ्तर में प्रदर्शन को लेकर प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, दिल्ली यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स और केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स ने संयुक्त स्टेटमेंट जारी कर कहा था कि राज्य में मीडिया को धमकाने की कोशिश की जा रही है। यह प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला है। लोकतंत्र में ऐसी घटनाओं के लिए कोई जगह नहीं है। संगठनों ने केरल सरकार से मामले में निष्पक्ष कार्रवाई का भी आह्वान किया था।