लोकसभा चुनाव: वायनाड से चुनाव लड़ने पर पहली बार बोले राहुल गांधी, कही यह बात
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस बार अपनी परंपरागत सीट अमेठी के साथ-साथ केरल के वायनाड से भी चुनाव लड़ रहे हैं। दो जगह से लोकसभा चुनाव लड़ने के बारे में राहुल गांधी ने पहली बार अपनी प्रतिक्रिया दी है। केरल के कोल्लम में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वे आमतौर पर अमेठी से चुनाव लड़ते हैं, लेकिन इस बार केरल से चुनाव लड़कर दक्षिण भारत के लोगों को एक संदेश देना चाहते हैं।
यह है राहुल का संदेश
राहुल ने कहा, "मैं संदेश देना चाहता हूं कि सिर्फ एक दृष्टिकोण भारत नहीं है। भारत एक विचार नहीं है। भारत लाखों अलग-अलग दृष्टिकोण, अलग-अलग विचारों से बना है और ये सब हमारे लिए महत्वपूर्ण है।"
राहुल का संदेश
प्रधानमंत्री मोदी को जमकर घेरा
रैली को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा, "प्रधानमंत्री कहते हैं 'कांग्रेस मुक्त भारत'। इसका मतलब है कि हम भारत से कांग्रेस का विचार मिटा देंगे। कांग्रेस नरेंद्र मोदी से कहती है कि हम आपसे सहमत नहीं है। हम आपको समझाने के लिए लड़ेंगे, आप गलत हैं। हम आपको चुनाव में हराएंगे, लेकिन हम आपके खिलाफ हिंसा का इस्तेमाल नहीं करेंगे।" बता दें, राहुल 4 अप्रैल को वायनाड से नामांकन दाखिल कर चुके हैं।
दक्षिण भारत में पार्टी के विस्तार पर नजर
राहुल, दक्षिण भारत की वायनाड सीट से चुनाव लड़कर दक्षिण भारत में पार्टी के विस्तार पर फोकस कर रहे हैं। इस क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन पार्टी के लिए संजीवनी साबित हो सकता है। अभी केरल की 20 लोकसभा सीटों में से 8 कांग्रेस के पास है और राहुल इस आंकड़े को सुधारने के साथ-साथ पूरे दक्षिण भारत में पार्टी को फिर से मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
इंदिरा और सोनिया भी दक्षिण भारत से लड़ चुकी हैं चुनाव
राहुल से पहले उनकी दादी इंदिरा गांधी और मां सोनिया गांधी भी दक्षिण भारत से चुनाव लड़ चुकी हैं और इसका सीधा फायदा कांग्रेस को हुआ था। दरअसल, दक्षिण भारत में लोगों की हमेशा यह चाह रही है कि दिल्ली की सीट पर उनके यहां से जाने वाले किसी व्यक्ति का कब्जा हो। गांधी परिवार को सदस्य हमेशा ही प्रधानमंत्री पद का दावेदार रहता है, इसलिए उनके यहां से लड़ने पर कांग्रेस पार्टी को हमेशा फायदा होता है।
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