भारत में पिछले साल हर हफ्ते ड्यूटी के दौरान हुई 8 पुलिसकर्मियों की मौत- NCRB रिपोर्ट
भारत में साल 2021 में ड्यूटी के दौरान प्रत्येक सप्ताह आठ पुलिसकर्मियों की मौत हुई है और हर दो दिन में 10 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। इस दौरान पुलिसकर्मियों की सबसे अधिक मौत विभिन्न सड़क हादसों और माओवादियों के हमलों में हुई है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) द्वारा जारी की गई साल 2021 की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। मारे गए पुलिसकर्मियों में सबसे अधिक संख्या कांस्टेबलों की रही है। आइये आगे पढ़ते हैं विस्तृत खबर।
साल 2021 में हुई 427 पुलिसकर्मियों की मौत
NCRB की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2021 में ड्यूटी के दौरान कुल 427 पुलिसकर्मियों की मौत हुई। इस हिसाब से हर सप्ताह आठ पुलिसकर्मियों ने जान गवाई है। इनमें सबसे अधिक 233 कांस्टेबल, 100 हैड कांस्टेबल, 41 सहायक उप निरीक्षक (ASI) और 32 उप निरीक्षक (SI) शामिल है। इसी तरह इस अवधि में घटित विभिन्न घटनाओं में आठ निरीक्षक (CI), दो राजपत्रित अधिकारी और 11 अन्य पुलिसकर्मियों ने भी अपनी जान गंवाई है।
ड्यूटी के दौरान घायल हुए 1,632 पुलिसकर्मी
पिछले साल ड्यूटी के दौरान विभिन्न हादसों में कुल 1,632 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। इस हिसाब से प्रत्येक दो दिन में 10 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। इनमें सबसे अधिक 951 कांस्टेबल, 238 हैड कांस्टेबल, 106 ASI, 202 उप निरीक्षक, 44 CI, 18 राजपत्रित अधिकारी और 73 अन्य पुलिसकर्मी शामिल हैं। ये सभी हादसे पुलिस की ओर से सुरक्षा व्यवस्था के लिए उठाए गए कदमों की पालना करने के दौरान ही घटित हुए हैं।
तमिलनाडु में हुई सबसे अधिक पुलिसकर्मियों की मौत
रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल तमिलनाडु में सबसे अधिक 58 पुलिसकर्मियों की मौत हुई है। इनमें 56 पुलिसकर्मियों की सड़क हादसों तथा दो की अपराधियों द्वारा किए गए हमले में हुई है। इसी तरह छत्तीसगढ़ में 47 पुलिसकर्मियों की मौत हुई है। इनमें 40 को माओवादियों ने मौत के घाट उतारा और सात की हादसों में मौत हुई है। बिहार में हुई 39 पुलिसकर्मियों की मौत में 38 की सड़क हादसों तथा एक की अपराधियों के हमले में हुई है।
जम्मू-कश्मीर में आतंकियों ने की 18 पुलिसकर्मियों की हत्या
आतंक प्रभावित केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में पिछले साल ड्यूटी के दौरान विभिन्न आतंकी हमलों में कुल 18 पुलिसकर्मियों की मौत हुई है और 53 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। आतंकी हमलों में मारे गए सभी पुलिसकर्मी कांस्टेबल के पद पर कार्यरत थे।
पुलिसकर्मियों के लिए सबसे सुरक्षित साबित हुए ये राज्य
पिछले साल देश के नौ राज्य और पांच केंद्र शासित प्रदेश पुलिसकर्मियों के लिए सबसे सुरक्षित साबित हुए हैं। यहां किसी भी पुलिसकर्मी की मौत नहीं हुई। इन राज्यों में अरुणाचल प्रदेश, गोवा, हिमाचल प्रदेश, केरल, मणिपुर, मेघायल, नागालैंड, सिक्किम और पश्चिम बंगाल तथा केंद्र शासित प्रदेशों में अंडमान और निकोबार, दादर और नागर हवेली और दम दीव, पुडुचेरी, लद्दाख और लक्षद्वीप शामिल है। इसी तरह चंडीगढ़, दिल्ली, कर्नाटक और त्रिपुरा में पांच से कम पुलिसकर्मियों की मौत हुई है।
ओडिशा में घायल हुए सबसे अधिक पुलिसकर्मी
पिछले साल घायल हुए कुल पुलिसकर्मियों में सबसे अधिक 188 ओडिशा में घायल हुए थे। ये सभी पुलिसकर्मी धरपकड़ के दौरान अपराधियों के हमलों में घायल हुए थे। इसी तरह केरल में घायल हुए 159 पुलिसकर्मियों में से 90 अपराधियों की धरपकड़ और 68 दंगाइयों के हमलों में घायल हुए हैं। इसके अलावा तमिलनाडु में घायल हुए 133 पुलिसकर्मियों में से 96 सड़क दुघर्टना, 30 अपराधियों के हमले और तीन खुद के हथियार से हुई दुर्घटना में घायल हुए थे।
दिल्ली में घायल हुए 195 पुलिसकर्मी
केंद्र शासित प्रदेशों में सबसे अधिक 195 पुलिसकर्मी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में घायल हुए थे। इनमें से 156 पुलिसकर्मी दंगाइयों के हमलों, 22 अपराधियों के हमलों और 17 पुलिसकर्मी विभिन्न सड़क दुघर्टनाओं में घायल हुए थे।
पुलिस कार्रवाई में हुई 22 आम नागरिकों की मौत
रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल पुलिस की कार्रवाई में कुल 22 आम नागरिकों की मौत हुई थी और 153 घायल हुए थे। पुलिस कार्रवाई में सबसे अधिक नौ नागरिकों की मौत जम्मू-कश्मीर में हुई थी। इसी तरह असम, चंडीगढ़, गुजरात और पश्चिम बंगाल में दो-दो आम नाागरिकों की मौत हुई थी। इसके अलावा कर्नाटक में सबसे अधिक 39, जम्मू-कश्मीर में 24, असम में 21, मिजोरम में 18 और उत्तर प्रदेश में 13 आम नागरिक घायल हुए थे।
पुलिस फायरिंग में हुई चार आम नागरिकों की मौत
पिछले साल पुलिस की कार्रवाई के दौरान की फायरिंग में चार आम नागरिकों की मौत हुई थी। इसमें असम में दो तथा मिजोरम और तेलंगाना में एक-एक नागरिक की मौत हुई थी। इसी तरह पांच नागरिकों की मौत पुलिस के एनकाउंटर करने के दौरान हुई थी। इनमें गुजरात में हुई दो मौतें भी शामिल है। इसके अलावा विभिन्न राज्यों में पुलिस फायरिंग में कुल 28 लोग और पुलिस के अपराधियों का एनकाउंटर करने के दौरान 27 नागरिक घायल हुए थे।