लॉकडाउन: कोई 'मरने का नाटक' कर पहुंचा घर तो कोई मरीज बता ढो रहा सवारी
पूरे देश में जारी 21 दिनों के लॉकडाउन के बीच कई लोग घर जाने के लिए तमाम तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। वहीं कुछ एंबुलेंस चालक भी संकट की घड़ी का गलत इस्तेमाल करते हुए लोगों को झूठे मरीज बनाकर एक जगह से दूसरी जगह ले जा रहे हैं। गौरतलब है कि लॉकडाउन के कारण देशभर में सार्वजनिक यातायात के वाहनों बंद हैं और लोगों को घरों में रहने को कहा जा रहा है।
जम्मू-कश्मीर में शख्स ने रचा खुद की मौत का ड्रामा
जम्मू-कश्मीर के पूंछ जिले के एक शख्स को पिछले सप्ताह चोट के कारण सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां से छुट्टी मिलने के बाद उसने तीन अन्य लोगों के साथ मिलकर अपनी मौत का फर्जी प्रमाण पत्र बनवा लिया ताकि वह प्राइवेट एंबुलेंस में अपने घर जा सके। चारों ने मिलकर एंबुलेंस का इंतजाम कर लिया और शख्स के घर के लिए निकल पड़े। इसी दौरान पुलिस को उनकी इस करतूत का पता चल गया।
क्वारेंटाइन में भेजे गए चारों लोग
अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने एंबुलेंस का पीछा किया और चारों आरोपियों को पकड़ लिया। लॉकडाउन का उल्लंघन करने के कारण पुलिस ने चारों को सरकारी क्वारेंटाइन में भेज दिया है।
एंबुलेंस ड्राइवर मरीज बनाकर ढो रहे सवारी
दूसरी तरफ हरियाणा में कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां प्राइवेट एंबुलेंस चालक मरीज बनाकर सवारियां ढो रहे हैं और इसके लिए मुंहमांगी कीमत ले रहे हैं। भास्कर द्वारा किए गए स्टिंग ऑपरेशन में सामने आया है कि एंबुलेंस चालकों का एक रैकेट पुलिस की नजरों से बचने के लिए चोर रास्तों के जरिये लोगों को एक से दूसरी जगह पहुंचा रहे हैं। अगर कहीं पुलिस रोक लेती है तो अस्पताल का फर्जी पर्चा दिखा देते हैं।
पुलिस के हत्थे चढ़ा एक एंबुलेंस चालक
भास्कर ने लिखा, 'एंबुलेंस चालक घर तक छोड़ने की पूरी गारंटी लेते हैं। खुद मरीज का कार्ड भी बनवाने का दावा किया जा रहा है। एंबुलेंस चालक कहते हैं कि आप बस चुपचाप एंबुलेंस में लेटे रहना, नाकों पर पुलिस को हम खुद संभाल लेंगे।' जानकारी मिलने पर रोहतक पुलिस ने एक फर्जी ग्राहक भेजकर एक एंबुलेंस चालक को गिरफ्तार किया है। वहीं बाकी चालकों को नियमों का पालन करने का निर्देश दिया है।
क्या कहते हैं अधिकारी?
इस बारे में पूछने पर रोहतक के सिविल सर्जन डॉक्टर अनिल बिरला ने कहा कि एंबुलेंस का कमर्शियल इस्तेमाल करना गलत है। अगर ऐसा हो रहा है यह इसकी जांच कर नियमों के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी।
इससे क्या खतरा?
इस तरह लोगों या एंबुलेंस चालकों द्वारा सफर करना लॉकडाउन का सीधा उल्लंघन है। साथ ही अगर कोई संक्रमित व्यक्ति किसी एंबुलेंस चालक के साथ मिलकर चोरी-छिपे यात्रा करता है तो वह बाकी लोगों को भी संक्रमित कर सकता है। इससे संक्रमण फैलने का खतरा भी बना रहता है। वहीं कोई चालक अगर कुछ पैसे के लालच में इस एंबुलेंस का कमर्शियल इस्तेमाल करेगा तो इमरजेंसी के समय किसी जरूरतमंद को एंबुलेंस मिलने में मुश्किल आ सकती है।