प्रधानमंत्री मोदी ने किया करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन, पहले जत्थे ने किया पाकिस्तान में प्रवेश
देश और दुनिया के लाखों सिखों का इंतजार आज खत्म हुआ और करतारपुर कॉरिडोर को तीर्थयात्रियों के लिए खोल दिया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की तरफ से कॉरिडोर का उद्घाटन किया, वहीं पाकिस्तान की तरफ से वहां के प्रधानमंत्री इमरान खान ने इसका उद्घाटन किया। भारत की तरफ से 575 सिख तीर्थयात्रियों का पहला जत्था करतारपुर के लिए रवाना भी हो गया है और पाकिस्तान में प्रवेश कर चुका है।
क्या है करतारपुर कॉरिडोर?
4.5 किलोमीटर लंबे करतारपुर कॉरिडोर का निर्माण पाकिस्तान के नरोवाल स्थित करतारपुर साहिब गुरुद्वारे को भारत के गुरदासपुर में डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे से जोड़ने के लिए किया गया है। करतारपुर में सिखों के पहले धर्मगुरू गुरू नानक देव का निवास स्थान था और यहीं उनकी मौत हुई थी। ये सिख समुदाय के सबसे पवित्र स्थानों में से एक हैं। भारत और पाकिस्तान दोनों देशों की सरकारें ने मिलकर इसका निर्माण किया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने बेर साहिब गुरूद्वारे में टेका मत्था
करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुबह करीब 11 बजे डेरा बाबा नानक पहुंचे। यहां अकाली दल के नेता सुखबीर बादल, केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी और गुरदासपुर से सांसद सनी देओल ने उनका स्वागत किया। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी सुल्तानपुर लोधी में बेर साहिब गुरूद्वारे में मत्था टेका। उन्होंने यहां भजन-कीर्तन में भी हिस्सा लिया। इसके बाद उन्होंने इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट का उद्घाटन किया, जिसके जरिए तीर्थयात्री पाकिस्तान में प्रवेश करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने किया इमरान खान का शुक्रिया अदा
उद्घाटन के दौरान भाषण देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने ये मेरा सौभाग्य है कि मैं आज देश को करतारपुर साहिब कॉरिडोर समर्पित कर रहा हूं। पाकिस्तान का शुक्रिया अदा करते हुए उन्होंने कहा, "कॉरिडोर को कम वक्त में तैयार करने के लिए मैं प्रधानमंत्री इमरान खान नियाजी को धन्यवाद देता हूं। पाकिस्तान के श्रमिक साथियों का भी आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने इतनी तेजी से अपनी तरफ के कॉरिडोर को पूरा करने में मदद की।"
"गुरू नानक देव पूरी मानवता के लिए प्रेरणा कुंज"
गुरू नानक देव के बारे में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "गुरु नानक देव जी, सिर्फ सिख पंथ और भारत की ही धरोहर नहीं बल्कि पूरी मानवता के लिए प्रेरणा पुंज हैं। वो एक गुरु होने के साथ-साथ एक विचार हैं, जीवन का आधार हैं। उन्होंने सीख दी कि धर्म तो आता-जाता रहता है लेकिन सत्य मूल्य हमेशा रहते हैं। करतारपुर के कण-कण में उनके पसीने की महक मिली है। यहां की वाणी में उनकी वाणी की गूंज मिली हुई है।"
मनमोहन सिंह के नेतृत्व में गया है जत्था
इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की तरफ से पहले जत्थे को करतारपुर रवाना किया। जत्थे को रवाना करने से पहले वह पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मिले। मनमोहन सिंह 575 सदस्यीय इस जत्थे का नेतृत्व कर रहे हैं।
करतारपुर जाने के लिए होगी पासपोर्ट की जरूरत
करतारपुर कॉरिडोर के जरिए पाकिस्तान जाने वाले भारतीय सिख तीर्थयात्रियों को पासपोर्ट की जरूरत होगी और उन्हें पहले से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने की जरूरत होगी। पाकिस्तान इस कॉरिडोर से भारत से आने वाले हर श्रद्धालु से 20 डॉलर (लगभग 1,400 रुपये) फीस लेगा। श्रद्धालु अपने साथ केवल 11,000 रुपये तक भारतीय मुद्रा और सात किलोग्राम तक का बैग ले जा सकते हैं। वो केवल करतारपुर साहिब ही जा सकेंगे, उन्हें इसके बाहर कहीं जाने की इजाजत नहीं होगी।