हाथरस: सुबह हिंसा की आशंका के चलते रात में किया पीड़िता का अंतिम संस्कार- योगी सरकार
क्या है खबर?
हाथरस कांड में पीड़िता का शव आधी रात में जलाने को लेकर उत्तर प्रदेश की खूब किरकिरी हो रही है।
अब राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इस सवाल का जवाब दिया है कि उसने पीड़िता का शव आधी रात को क्यों जलाया था?
योगी सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में कहा गया है कि अगर पीड़िता का अंतिम संस्कार रात की बजाय सुबह किया जाता तो हिंसा भड़क सकती थी।
पृष्ठभूमि
क्या है मामला?
14 सितंबर को हाथरस जिले के एक गांव में रहने वाली 19 वर्षीय दलित युवती के साथ कथित तौर पर चार लोगों ने गैंगरेप किया था।
दो सप्ताह तक जिंदगी और मौत से लड़ाई लड़ने के बाद 29 सितंबर को पीड़िता ने दिल्ली के अस्पताल में दम तोड़ दिया था।
इसके बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने दिल्ली से पीड़िता का शव लाकर परिवारजनों की मर्जी के विपरित आधी रात में उसका अंतिम संस्कार कर दिया था।
हलफनामा
सरकार का दावा- परिवार की मंजूरी से किया अंतिम संस्कार
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में योगी सरकार ने कहा है कि बाबरी मस्जिद विध्वंस फैसले कारण जिलों को हाई अलर्ट पर रखा गया था और साथ ही कोरोना वायरस के कारण भीड़ को इकट्ठा होने से भी रोकना था।
उत्तर प्रदेश सरकार ने दावा किया है कि स्थिति की संवेदनशीलता और कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए परिवार की मंजूरी से पीड़िता का अंतिम संस्कार रात में किया गया था।
हलफनामा
'निहित स्वार्थ' वाले लोग जांच को पटरी से उतारने की कोशिश में- सरकार
इसके साथ ही राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि वो मामले की CBI जांच के आदेश दे। राज्य सरकार ने हलफनामे के साथ-साथ मामले में अब तक हुई जांच का विस्तृत ब्यौरा कोर्ट का सौंपा है।
योगी सरकार ने कहा कि वो हाथरस मामले की निष्पक्ष जांच कर सकती है लेकिन 'निहित स्वार्थ' वाले तत्व निष्पक्ष जांच को पटरी से उतारने के मकसद से प्रयास कर रहे हैं।
हलफनामा
राज्य सरकार को बदनाम करने का अभियान- सरकार
उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि हाथरस कांड के बहाने राज्य सरकार को बदनाम करने के आक्रामक अभियान चलाए गए।
हलफनामे में कहा गया है, 'यह मामला पूरे देश के आकर्षण के केंद्र में आ गया है इसलिए केंद्रीय एजेंसी को इसकी जांच करनी चाहिए।' सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से इस जांच की निगरानी करने का आग्रह किया है।
गौरतलब है कि इस मामले में आज एक जनहित याचिका पर भी सुनवाई होनी है।
सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने घटना को बताना 'असामान्य' और 'हैरान करने वाली'
हाथरस घटना की जांच को विशेष जांच दल या CBI को सौंपे जाने की मांग करने वाली एक रिट पीटिशन पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दलित लड़की के साथ हुई घटना को 'असामान्य' और 'हैरान करने वाली' बताई है।
मुख्य न्यायाधीश एसए बोबड़े के नेतृत्व वाली बेंच ने सुनवाई के दौरान वकीलों को कहा कि यह डराने वाली घटना है और वो बहस के दौरान एक ही तर्क को बार-बार नहीं सुनना चाहती।