करौली: हिंसा के दौरान 15 लोगों को बचाने के लिए भीड़ से भिड़ी यह महिला
राजस्थान के करौली में हुई हिंसा के दौरान एक 48 वर्षीय महिला दुकानदार मधुलिका सिंह ने अकेले भीड़ का सामना करते हुए 15 लोगों को बचाया। दरअसल, इन 15 लोगों ने, जिनमें से अधिकतर मुसलमान थे, भीड़ से बचने के लिए मधुलिका के घर में शरण ली थी। अब पूरे करौली में उनकी वाहवाही हो रही है। दो बच्चों की मां मधुलिका सिंह अपने पति की मौत के बाद पिछले पांच सालों से कपड़ों का कारोबार कर रही हैं।
करौली में क्यों हुई थी हिंसा?
बीते शनिवार को हिंदू नव वर्ष के मौके पर करौली में 'नव संवत्सर' बाइक रैली निकाली गई थी। जब ये रैली हटवारा बाजार के एक मुस्लिम बहुल इलाके के पास पहुंची तो इस पर पथराव किया गया। इसके बाद इलाके में हिंसा भड़क गई और उपद्रवियों ने एक दर्जन से अधिक दुकानों और तीन मोटरसाइकिलों को आग के हवाले कर दिया। घटना में लगभग 43 लोग घायल हुए, जिनमें पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।
मधुलिका ने क्या बताया?
NDTV से बात करते हुए मधुलिका ने बताया कि हिंसा के वक्त उन्होंने लोगों के चिल्लाने और दुकानों के शटर गिरने की आवाज सुनी। जब वो ये देखने के लिए बाहर निकलीं तो उन्होंने देखा कि लोग शॉपिंग कॉम्पलेक्स से बाहर की तरफ भाग रहे हैं। उन्होंने बताया, "मैंने शॉपिंग कॉम्प्लेक्स को बंद कर दिया और लोगों से शांत रहने को कहा। मैंने उन्हें बचाया क्योंकि मानवता बाकी सारी चीजों से ऊपर है।"
लोगों का पीछा कर रही भीड़ को मधुलिका ने रोका
इस भागदौड़ के दौरान करीब 15 लोग भागकर शॉपिंग कॉम्पलेक्स के ऊपर बने उनके अपार्टमेंट में आ गए। उन्होंने बताया कि भीड़ उनके पीछे लगी हुई है और उन्हें बाहर जाने से डर लग रहा है। मधुलिका ने बताया कि भीड़ ने उन 15 लोगों का पीछा करने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने भीड़ को रोक दिया। हालात सामान्य होने तक वो लोग वहीं रुके रहे और उन्हें चाय और पानी दी गई।
जिन लोगों को मधुलिका ने बचाया, उन्होंने क्या कहा?
मोहम्मद तालिब और दानिश उन 15 लोगों में शामिल थे, जिन्होंने मधुलिका के घर शरण ली थी। तालिब ने बताया, "लोग इधर-उधर भाग रहे थे। भीड़ के पास लाठियां थीं और उनमें से कुछ दुकानों को लूट रहे थे, लेकिन मधुलिका दीदी ने हमें बचा लिया। उन्होंने हमसे कहा कि चिंता मत करो।" तालिब ने कहा कि इस मार्केट में सालों से दोनों समुदायों के लोग आपस में मिलकर अपने कारोबार चला रहे हैं।
महिलाओं ने की आग बुझाने की कोशिश
इसी शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में सैलून चलाने वालीं मिथिलेश सोनी ने कहा कि उन्होंने तीन अन्य महिलाओं के साथ मिलकर पानी की बाल्टियों से आग बुझाने की कोशिश की थी। उन्होंने बताया, "हमने मुस्लिमों को बाहर नहीं जाने दिया क्योंकि भीड़ उन पर हमला कर सकती थी। जब हमने देखा कि दुकानों में आग लगाई जा रही है तो हमने पानी की बाल्टियों की मदद से इसे बुझाने की कोशिश की।"