मध्य प्रदेश: खरगौन हिंसा की गलत फोटो ट्वीट करने पर दिग्विजय सिंह पर 5 मामले दर्ज
क्या है खबर?
मध्य प्रदेश के खरगौन में रामनवमी पर निकाली गई शोभायात्रा पर पथराव के बाद भड़की हिंसा और आगजनी की घटना के मामले में सरकार लगातार सख्त कार्रवाई कर रही है।
90 से अधिक आरोपियों की गिरफ्तारी और उनकी 45 से अधिक अवैध संपत्तियों पर बुलडोजर चलाने के बाद अब वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के खिलाफ हिंसा की गलत फोटो ट्वीट करने को लेकर पांच अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं। इसको लेकर विवाद छिड़ गया है।
पृष्ठभूमि
खरगौन में कैसे भड़की थी हिंसा?
खरगौन में रामनवमी पर तलब चौक से शोभायात्रा निकाली गई थी। उस दौरान लाउडस्पीकर पर बज रहे गानों को लेकर समुदाय विशेष के लोगों से विवाद हो गया था।
उसके बाद असमाजिक तत्वों ने शोभायात्रा पर पथराव किया और कई जगहों पर आग लगा दी थी। इससे निपटने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े थे।
इस हिंसा में पुलिस अधीक्षक (SP) सिद्धार्थ चौधरी समेत कई पुलिसकर्मी भी घायल हो गए थे।
ट्वीट
दिग्विजय सिंह ने फोटो ट्वीट कर सरकार पर साधा था निशाना
इस हिंसा को लेकर दिग्विजय सिंह ने हिंसा से जुड़ी एक फोटो ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधा था।
उन्होंने ट्वीट में लिखा था, 'क्या खरगौन प्रशासन ने लाठी और तलवार जैसे हथियार लेकर जुलूस निकालने की अनुमति दी थी? क्या पत्थर फेंकने वालों के घरों पर बुलडोजर चलाए जाएंगे, चाहे वह किसी भी धर्म का हो? शिवराज जी को यह नहीं भूलना चाहिए कि उन्होंने निष्पक्ष रूप से सरकार चलाने की शपथ ली थी।'
जांच
जांच में मुजफ्फरपुर की निकली फोटो
सिंह के ट्वीट के बाद जब उस फोटो की जांच की तो सामने आया कि वह खरगौन हिंसा की नहीं थी। वह फोटो बिहार के मुजफ्फरपुर में हुई एक हिंसा की थी। इसको लेकर पुलिस ने भी स्थिति स्पष्ट की थी।
उसके बाद राज्य के भाजपा नेताओं ने सिंह पर मध्य प्रदेश में सांप्रदायिक हिंसा फैलाने की साजिश रचने का आरोप लगाया था।
उच्च शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने तो उनका अकाउंट निलंबित करने की मांग की थी।
ट्वीट
मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर बताई थी फोटो की सच्चाई
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मामले में ट्वीट किया था, 'दिग्विजय सिंह ने एक फोटो के साथ ट्वीट किया है जिसमें एक युवक एक धार्मिक स्थल पर भगवा झंडा फहरा रहा है। यह मध्य प्रदेश का नहीं है।
दिग्विजय सिंह का यह ट्वीट धार्मिक उन्माद फैलाने और राज्य को सांप्रदायिक दंगों की आग में धकेलने की साजिश है। इसे सहन नहीं किया जाएगा।' उसके बाद सिंह ने फोटो को हटाकर ट्वीट को डिलीट कर दिया था।
चेतावनी
गृह मंत्री ने कही थी सिंह के खिलाफ कार्रवाई की बात
इस मामले में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सिंह को अपराधी करार देते हुए राज्य में भ्रम फैलाने वाला बताया था।
उन्होंने कहा था कि चाहे मध्य प्रदेश को बदनाम करना हो या सांप्रदायिक तनाव फैलाना हो, दिग्विजय सिंह बार-बार ऐसा करते हैं। उन्होंने पाकिस्तान के एक पुल को भोपाल का पुल बता दिया था। अब वह मस्जिद की फोटो को मध्य प्रदेश की बता रहे हैं। सरकार उन पर कार्रवाई के लिए कानूनी विशेषज्ञों से सलाह ले रही हैं।
FIR
दिग्विजय सिंह के खिलाफ इन धाराओं में दर्ज की गई है FIR
TOI के अनुसार, भाजपा और जबलपुर की अपराध शाखा ने राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 153 A (1) (विभिन्न समुदायों के बीच घृणा को बढ़ावा देना), 295 A (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए जानबूझकर कार्य करना), 465 (जालसाजी), 505 (2) (वर्गों के बीच घृणा को बढ़ावा देने वाले बयान) के तहत मामला दर्ज किया है।
इसी तरह ग्वालियर, नर्मदापुरम और सतना में उनके खिलाफ FIR दर्ज की गई है।
सफाई
सिंह ने FIR के बाद क्या दी है सफाई?
FIR दर्ज होने के बाद सिंह ने कहा, "मैने पोस्ट को केवल इसलिए हटा दिया क्योंकि वह फोटो खरगौन (जिस जिले में हिंसा हुई थी) की नहीं थी। मैने ट्वीट में केवल सरकार से सवाल ही पूछे थे। फोटो की सच्चाई सामने आने पर मैने उसे हटा दिया।"
उन्होंने कहा, "सांप्रदायिक उन्माद के खिलाफ बोलने के लिए मेरे खिलाफ भले ही एक लाख FIR दर्ज हो जाए, लेकिन उसके बाद भी मुझे बोलने का अफसोस नहीं होगा।"